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कमजोर हड्डियां, कहीं कैल्शियम तो नहीं डकार रहा आपका खून

locationजयपुरPublished: Feb 20, 2018 04:57:29 pm

Submitted by:

manish singh

शरीर में एक हार्मोन ऐसा भी है जिसके असंतुलन से हड्डियों से कैल्शियम खींचकर उन्हें कमजोर बनाता है।

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खून में बढऩे लगता है कैल्शियम

गले के पास थॉयराइड ग्लैंड के बगल में चार ग्रंथियां होती हैं। इसमें एक ऐसी ग्रंथि होती है जिसका काम शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाना होता है। जब ये हार्मोन शरीर में अधिक बनने लगता है तो रक्त में कैल्शियम की मात्रा बढऩे लगती है जो हड्डियों में नहीं जाती है। इस हार्मोन की मात्रा अधिक होने पर वे हड्डियों से कैल्श्यिम खींचने का काम करता है जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं।

हड्डियों से खींचता है कैल्शियम

थायरोग्लैंड में बगल में चार ग्लैंड (ग्रंथियां) होती हैं। इसमें एक ग्रंथि जिसमें एक ग्रंथि पैरा थॉयराइड हॉर्मोन (पीटीएच) की होती है। पीटीएच की मात्रा बढऩे पर रक्त में मौजूद रहने वाले कैल्शियम की मात्रा तेजी से बढ़ती है। खास बात ये है कि हार्मोन इंबैलेंस की वजह से बढ़ी कैल्शियम की मात्रा हड्डियों में नहीं जाती है। जबकि ऐसी स्थिति में ये हार्मोन हड्डियों से कैल्शियम की मात्रा को तेजी से खींचता है। इस वजह से हड्डी तेजी के साथ कमजोर होती है और कुछ समय के भीतर ही उसमें खोखलापन आ जाता है। कुछ गंभीर मामलों में बोन में सूजन आ जाती है और फ्रैक्चर के मामले रिपोर्ट किए जाते हैं।

समय पर जांच के साथ इलाज है जरूरी

पैरा थॉयराइड हार्मोन में असंतुलन की वजह से व्यक्ति को कमजोरी के साथ थकावट और आलस होने लगती है। उसे हर वक्त शरीर और हड्डियों में दर्द का अहसास रहत है। ऐसे में इस तरह के लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए क्योंकि ये हॉर्मोन हड्डियों को खोखला बनाकर व्यक्ति की जिंदगी दुभर कर सकता है। इस तकलीफ को दूर करने के लिए हार्मोन इंबैलेंस को ठीक करने के लिए दवाओं के साथ कई तरह की थैरेपी और लाइफ स्टाइल मॉडिफिकेशन की सलाह दी जाती है।

डॉ. बलराम शर्मा, सीनियर इंडोक्राइनोलॉजिस्ट

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