हड्डियों से खींचता है कैल्शियम
थायरोग्लैंड में बगल में चार ग्लैंड (ग्रंथियां) होती हैं। इसमें एक ग्रंथि जिसमें एक ग्रंथि पैरा थॉयराइड हॉर्मोन (पीटीएच) की होती है। पीटीएच की मात्रा बढऩे पर रक्त में मौजूद रहने वाले कैल्शियम की मात्रा तेजी से बढ़ती है। खास बात ये है कि हार्मोन इंबैलेंस की वजह से बढ़ी कैल्शियम की मात्रा हड्डियों में नहीं जाती है। जबकि ऐसी स्थिति में ये हार्मोन हड्डियों से कैल्शियम की मात्रा को तेजी से खींचता है। इस वजह से हड्डी तेजी के साथ कमजोर होती है और कुछ समय के भीतर ही उसमें खोखलापन आ जाता है। कुछ गंभीर मामलों में बोन में सूजन आ जाती है और फ्रैक्चर के मामले रिपोर्ट किए जाते हैं।
समय पर जांच के साथ इलाज है जरूरी
पैरा थॉयराइड हार्मोन में असंतुलन की वजह से व्यक्ति को कमजोरी के साथ थकावट और आलस होने लगती है। उसे हर वक्त शरीर और हड्डियों में दर्द का अहसास रहत है। ऐसे में इस तरह के लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए क्योंकि ये हॉर्मोन हड्डियों को खोखला बनाकर व्यक्ति की जिंदगी दुभर कर सकता है। इस तकलीफ को दूर करने के लिए हार्मोन इंबैलेंस को ठीक करने के लिए दवाओं के साथ कई तरह की थैरेपी और लाइफ स्टाइल मॉडिफिकेशन की सलाह दी जाती है।
डॉ. बलराम शर्मा, सीनियर इंडोक्राइनोलॉजिस्ट