शरीर के एड्रिनल ग्रंथि से गुड हार्मोन निकलते हैं इससे तनाव दूर होता है। ये हार्मोन हृदय की गति को बढ़ाने के साथ शरीर में स्फूर्ति बनाकर रखता है। व्यक्ति जब खुश होता है तो उसके शरीर से गुड हार्मोन निकलते हैं। इस हॉर्मोन के सीक्रेशन से व्यक्ति अधिक एक्टिव होने के साथ हैल्दी रहता है।
कॉर्टीसॉल हॉर्मोन का काम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने का होता है। कॉर्टीसॉल हॉर्मोन जो दिमाग में होने वाले मास्टर ग्लैंड पीयूष ग्रंथि से एसीटीएच नाम का हार्मोन निकालता है। पेट की ग्रंथि को अधिक प्रभावित करता है जिससे कॉर्टीसॉल हॉर्मोन निकलता है। इस हॉर्मोन की मात्रा अधिक होने से ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है। अगर शरीर में इस हार्मोन की कमी हो जाए तो ब्लड प्रेशर कम होने लगता है। ब्लड प्रेशर में असंतुलन की वजह से व्यक्ति को चक्कर आना, बहुत अधिक पसीना आना, घबराहट के साथ बेचैनी होना और गंभीर परिस्थिति में अचानक से बेहोशी की शिकायत होती है। इस समस्या को ठीक करने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी का इस्तेमाल करते हैं जिससे रोगी को काफी हद तक आराम मिलता है।