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सीएम गहलोत बोले- यह प्रदेशवासियों की जीत, आने वाले दिनों में दोगुने जोश से काम करेंगे

locationजयपुरPublished: Aug 12, 2020 10:42:37 am

Submitted by:

santosh

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दिनों में दोगुने जोश से काम करेंगे। विधायकों के संबंध अच्छे बने हैं।

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जयपुर। आलाकमान से चर्चा के बाद सचिन पायलट का कांग्रेस में वापसी के निर्णय पर एक माह से चल रहा सत्ता संग्राम खत्म होने के साथ क्षेत्रीय विधायकों ने भी घर वापसी कर ली है। जैसलमेर से भी गहलोत कैंप के सभी विधायक और मंत्री आज जयपुर लौटेंगे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि यह जीत प्रदेशवासियों की जीत है। उन्होंने हौसला अफजाई की है। बुधवार सुबह जैसलमेर से जयपुर रवाना होने से पहले पत्रकारों से मुखातिब गहलोत ने कहा कि प्रदेशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दिनों में दोगुने जोश से काम करेंगे। विधायकों के संबंध अच्छे बने हैं।

सभी ने एकजुट होकर प्रदेश के विकास का संकल्प लिया है। कुछ विधायक नाराज हैं, उन्हें समझाया है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए कई बार सहन भी करना पड़ता है। भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि हम पर बाड़ेबंदी करने का आरोप लगा रहे थे, लेकिन खुद को जरूरत क्यों पड़ी।

इससे पहले मंगलवार को जयपुर से जैसलमेर रवानगी से पहले एयरपोर्ट पर जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल पूछा गया कि पायलट से सुलह का फार्मूला क्या होगा, तो उन्होंने साफ कहा कि यह तो हाईकमान को पता है। आलाकमान ने जो फैसले किए, अब उसके बाद की रणनीति बनेगी। आलाकमान ने 3 सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो पायलट एवं उनके साथी विधायकों की शिकायतें सुनेगी। लेकिन अब शांति-सद्भाव-भाईचारा सब रहेगा। जो गए थे, उनकी नाराजगी मुझसे है। उसे दूर करने का प्रयास करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, 100 से अधिक लोगों को इतने लम्बे समय तक एकसाथ रखना और एक का भी टूटकर नहीं जाना इतिहास बन गया। भाजपा ने पूरा जोर लगा लिया। वे किसी भी कीमत पर सरकार गिराना चाहते थे। कल्पना कीजिए कि हमारे विधायक किस माहौल में रहे, हमारे दिल की क्या स्थिति होगी। मैंने उनसे कहा है कि जिंदा रहूंगा तब तक आपके अभिभावक के रूप में रहूंगा। एक भी छोड़कर नहीं गया, तो मेरा फर्ज बनता है, उन्हें कैसे भूल सकता हूं? राजनीति में समय-समय पर मेल-मिलाप होता है। सरकार बहुमत में थी, है और कल भी रहेगी। भाजपा के मंसूबों पर पानी फिर गया है।

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