छात्रों के लिए यह वक्त सीखने का, शिक्षक हों अपग्रेड
जयपुरPublished: Mar 28, 2020 04:39:16 pm
कोरोना के कारण देश में 21 दिन का लॉकडाउन औद्योगिक क्षेत्र की जरूरतों के मुताबिक देश की शिक्षा प्रणाली और आवश्यक कौशल में अंतर को दूर करने के लिए सुनहरा मौका साबित हो सकता है।
नई दिल्ली. कोरोना के कारण देश में 21 दिन का लॉकडाउन औद्योगिक क्षेत्र की जरूरतों के मुताबिक देश की शिक्षा प्रणाली और आवश्यक कौशल में अंतर को दूर करने के लिए सुनहरा मौका साबित हो सकता है।
यह कहना है केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी का। शिक्षा और कौशल में बढ़ते अंतर को उजागर करते हुए छात्रों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने लॉकडाउन के समय का सदुपयोग करते हुए छात्रों से स्कूल में अर्जित ज्ञान को दैनिक जीवन में लागू करने और शिक्षकों से खुद को अपग्रेड करने की सलाह दी है। त्रिपाठी कहते हैं कि घर एक लर्निंग सेंटर है और लॉकडाउन के दौरान छात्रों को इसका लाभ उठाना चाहिए। ‘जबकि स्कूल ज्ञान और शिक्षा तो देते हैं, लेकिन कौशल विकास में पीछे रह जाते हैं, चारित्रिक विकास का प्रयास करते हैं, मूल्यों के बीज नहीं बो पाते, यही समय है जब रटने की प्रवृत्ति छोड़कर छात्रों को अपने ज्ञान को दैनिक जीवन में उतारने पर ध्यान देना चाहिए।Ó वह कहते हैं कि पढ़ाने का तरीका, अध्यापन कला, पढ़ाने-सीखने की प्रक्रिया, पाठ्यक्रम, ये सब वे बातें हैं जो शिक्षा प्रणाली को विशिष्ट बनाती हैं। जबकि हमारे देश में कंटेंट पर अधिक जोर दिया जाता है, कई ऐसे देश हैं, जहां सीखने और उसके नतीजों पर जोर दिया जाता है। इसी तरह हमारे यहां ज्ञान अर्जित करने को बहुत महत्व दिया जाता है, जबकि दुनिया के अनेक विकसित देशों में अर्जित ज्ञान को लागू किया जाना कहीं अधिक महत्व रखता है। सीबीएसई सचिव ने छात्रों को सलाह दी कि वे नई हॉबी विकसित करें। 21वीं सदी का दौर कौशल विकास का दौर है, 100 में से 100 नंबर लाने वाले को सबसे होनहार नहीं समझा जाता। आज संस्थानों को तलाश रहती है ऐसे टेलेंट की, जिसमें कुछ नया करने का हुनर हो, नया सोचने की क्षमता हो, नेतृत्व की क्षमता हो, जिनमें सामाजिक कौशल हो। उन्होंने छात्रों को सुबह समय से उठकर अभ्यास करने, माता-पिता की कामकाज में मदद करने की भी सलाह दी।