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इस बार थोड़ी बारिश में ही छलक जाएंगे बड़े बांध

locationजयपुरPublished: Jun 14, 2020 12:59:02 am

Submitted by:

Ankit

प्रदेश के दस बड़े बांध अब बचा है 60 फीसदी तक पानी

Bisalpur Dam

टोंक सहित छह जिलों की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में गत वर्ष मानसून की मेहरबानी के चलते इस बार काफी पानी है।


जयपुर।
प्रदेश में इस बार प्री—मानूसन में ही समान्य से 130 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हो गई है। इस स्थिति में आसानी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि जब प्री मानसून ऐसी सक्रियता देखने को मिल रही है तो प्रदेश में पूर्ण मानसून की सक्रियता भी जबरदस्त होगी और बाढ़ जैसे हालात बनेंगे। इस स्थिति में पानी की थोड़ी सी आवक के बाद ये बांध छलकना शुरू हो जाएंगे हैं। लेकिन इस बार भी बांधों से व्यर्थ बहने वाले पानी को सहेज कर रखने के कोई ठोस इंतजाम हम नहीं कर सके हैं। जल संसाधन विभाग का तर्क है कि बांध बनाने का तय फार्मूला है। बांधों से ओवरफलो होने वाले पानी से नदी,कुए और टयूबवैल रिचार्ज होते हैं।
8 महीने में खर्च हुआ महज 40 प्रतिशत पानी
जानकारी के अनुसार प्रदेश में 100 मिलियन क्यूबिक मीटर भराव क्षमता से ज्यादा के दस बड़े बांध है। बीते साल ये बांध अक्टूबर माह के अंत तक बारिश होने से लगातार भरते रहे और नवंबर से अब तक आठ महीनों में इन बांधों से सिंचाई और पेयजल जैसी आवश्यकताओं के लिए 40 फीसदी पानी ही खर्च हो सका है। बीते मानसून ये बांध 95 प्रतिशत तक भर गए थे।
बीसलपुर से फिर व्यर्थ बहेगा पानी
जयपुर,टोंक और अजमेर की प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध 63 प्रतिशत तक भरा है। बीते साल बांध दो बार ओवरफलो हुआ और इतना पानी व्यर्थ बह गया जितने पानी से दो बार बीसलपुर को भरा जा सकता था। इस बार यह तय कि थोड़ी सी बारिश के बाद ही पानी की आवक से बांध ओवरफलो हो जाएगा। लिहाजा बीसलपुर ओवर फलो होता है व्यर्थ बहने वाले पानी को जल संसाधन विभाग रोक नहीं सकेगा।
प्रदेश के ये दस बड़े बांध
कोटा बैराज (कोटा) 97%
राना प्रताप सागर (चित्ताैड़गढ़) 72.81%
जयसमंद (उदयपुर) 72%
सोम कमला अंबा बांध (डूंगरपुर) 68%
माही बजाज सागर (बांसवाड़ा) 44.33%
बीसलपुर बांध (टोंक) 63%
जाखम बांध (प्रतापगढ़) 32%
राजसमंद (राजसमंद) 18%
जवाई बांध (पाली) 20%
पार्वती बांध (धौलपुर) 11%
बांध फार्मूले से बनता है, पानी तो बहेगा
उधर जलदाय विभाग के अफसरों का कहना है कि बांध छोटा हो या बढ़ा इसे बनाने के फार्मूले तय हैं। ऐसे में बांधों के ओवरफ्रलो होने के बाद पानी तो बहेगा। इस पानी से प्रदेश की अन्य नदियां,कुए,तालाब और हैंडपंप रिर्चाज भी होते हैं।
राना प्रताप सागर (चित्ताैड़गढ़) 72.81%
माही बजाज सागर (बांसवाड़ा) 44.33%
बीसलपुर बांध (टोंक) 63%
जयसमंद (उदयपुर) 72%
जवाई बांध (पाली) 20%
सोम कमला अंबा बांध (डूंगरपुर) 68%
जाखम बांध (प्रतापगढ़) 32%
पार्वती बांध (धौलपुर) 11%
कोटा बैराज (कोटा) 97%
राजसमंद (राजसमंद) 18%

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