आपको बता दें कि रबी सीजन में 31 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई संभावित है। वहीं 18 लाख हैक्टेयर में चना,27 लाख हेक्टेयर सरसों, 3 लाख हैक्टेयर में जौ की बुवाई संभावित है। बुवाई के इस अनुमान के अनुसार 14.5 लाख क्विंटल बीज की जरूरत पड़ेगी। राज्य के पास मांग से ज्यादा बीज उपलब्ध है यानी अभी कृषि विभाग के पास 20 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध हैं। वहीं रबी सीजन के लिए कृषि विभाग की ओर से केंद्र सरकार को 14 लाख टन यूरिया, 3.5 लाख टन डीएपी और 3 लाख टन एसएसपी की मांग भिजवाई गई है। यह मांग केंद्र सरकार की ओर से स्वीकृत भी की जा चुकी है। वर्तमान में प्रदेश में 5 लाख टन यूरिया और 3.69 लाख टन डीएपी उपलब्ध है। इसी महीने 1 लाख 13 हजार टन डीएपी और 3 लाख 23 हजार टन यूरिया विभिन्न कंपनियां राज्य में आपूर्ति करेंगी।
नहीं होगी ब्लैक मार्केटिंग
विभाग ने यूरिया डीएपी की ब्लैक मार्केटिंग को देखते हुए प्रदेश के सभी जिलों में भी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वह खाद और बीज की ब्लैक मार्केङ्क्षटग पर विशेष नजर रखे। समय समय पर मॉनिटरिंग करते हुए। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ब्लैक मार्केटिंग की स्थिति तब आती है जबकि खाद बीज की कमी लेकिन वर्तमान में ऐसी स्थिति नहीं है।
फसल क्षेत्र (लाख हेक्टेयर में)
गेंहू 31
जौ 3
चना 18
सरसों 27
तारामीरा 3
अलसी 1 इनका कहना है,
रबी सीजन के लिए विभाग ने 98.80 लाख हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया है जो गत वर्ष की तुलना में अधिक है। किसानों को बीज और खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। विभाग ने दोनों ही चीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की हुई है।
ओमप्रकाश शर्मा,
आयुक्त, कृषि विभाग।