
जयपुर बहरोड़। करीब एक दशक पहले जहां राजस्थान का बहरोड़ कस्बा एक गांव की तरह नजर आता था तो वहीं अब बहरोड़ कस्बा बड़े शहरों की तरह नजर आने लगा है। क्षेत्र में एक दशक पहले जमीनों के भावों में तेजी आने से लोगों की जिंदगी बदल गई। आज क्षेत्र का बदला हुआ स्वरूप देखने को मिल रहा है।
रुपए का बढ़ता हुआ प्रभाव आज बहरोड़ क्षेत्र में साफ देखने को मिलता है। जिसके चलते लोगों के रहन सहन से लेकर उनका स्टाईल तक बदल गया है। बहरोड़ के आसपास के गांवों का भी बहरोड़ के विकास के साथ ही उनका भी तेजी से विकास हुआ है। क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे विकास के कार्यों से सामाजिक व आर्थिक गतिविधियों में एक दशक में बड़ा बदलाव देखने को मिला है।
पहले जहां बहरोड़ -नीमराणा व अन्य आसपास की कस्बों के बीच लोगों को अधिक दूरियां लगती थी। आज उन्हें यहां पर आने जाने में कोई दूरी नहीं लगती है। क्योंकि नेशनल हाईवे पर बहरोड़ नीमराणा में अनेक बड़ी -बड़ी हाउसिंग सोसायटी के साथ ही अनेक बड़े होटल बन गए है। जिससे बहरोड़, नीमराणा, शाहजहांपुर व कोटपूतली की दूरियां सिमट कर लगातार कम होती जा रही है।
बहरोड़ में रात के समय सड़कों पर बड़े शहरों की तर्ज पर सड़कें दूधिया रोशनी से जगमग नजर आती है।जिससे रात का नजारा बड़े नगरों जैसा लगता है। कस्बे में तेजी से हो रहे विकास के साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से विकास होता जा रहा है।
बहरोड़ कस्बे का भले ही पिछले एक दशक में स्वरूप बदल गया हो लेकिन आज भी यहां पर रहने वाले लोगों को अनेक मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। बहरोड़ भले ही विकास की ओर अग्रसर हो रहा है तथा क्षेत्र से नेशनल हाईवे 48 होकर गुजर रहा है लेकिन इसके बाद भी यहां पर यात्रियों के लिए एक बस स्टैंड तक की सुविधा नहीं है और आमजन के लिए सुबह- शाम घूमने के लिए पार्क तक की व्यवस्था नगरपालिका की ओर से नहीं की जा सकी है।
बहरोड़ सहित आसपास के क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक निजी शिक्षण संस्थान आधुनिक तकनीकी के साथ संचालित हो रहे है।जहां पर बच्चों को सुविधाओं के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
Updated on:
01 Nov 2024 12:25 pm
Published on:
01 Nov 2024 12:23 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
