पैंथर्स के लिए काल बनकर आया यह साल,इस माह में आधा दर्जन पैंथर की मौत
जयपुरPublished: Jan 24, 2020 10:28:57 am
अधिकत्तर पैंथर्स की सर्दी से हुई मौत
This year came as a period for the Panthers,
जयपुर
साल 2020 की शुरूआत पैंथर्स के लिए अच्छी नहीं रही। यही कारण रहा कि इस साल के पहले दिन से ही पैंथर काल का ग्रास बनते गए। जयपुर व उसके आसपास के इलाकों में इस माह में अब तक छह पैंथर मौत के मुंह में समा चुके हैं। कहीं ज्यादा सर्दी तो कहीं पर हादसों में इनकी मौत हो गई। वहीं जंगल छोटे पड़ने के कारण आपसी टैरेटरी की लड़ाई में हुए आपसी संघर्ष में इन्होंने दम तोड़ दिया। कहीं कहीं यह शिकारियों के फंदे में फंस कर मौत के मुंह में चले गए। लेकिन इनके सबके बावजूद इनके संरक्षण को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं। जंगलों में इनके लिए भोजन पानी की कमी ने इन वन्यजीवों को जंगल से बाहर तक निकलने पर मजूबर कर दिया। लेकिन इस साल पड़ी कड़ाके की सर्दी भी इन वन्यजीवों की जान की दुश्मन बन गई।
जयपुर में सर्दी से तोड़ा दम
एक जनवरी को साल की शुरूआत के साथ पहले दिन एक पैंथर ने दम तोड़ दिया। जयपुर में घाट के बालाजी के पास करीब डेढ़ साल की मादा पैंथर सर्दी के कारण तडपती हुई दिखाई दी। जिसके बाद वन विभाग ने उसे रेस्क्यू कर इलाज दिया। लेकिन सर्दी में निमोनिया हो जाने से इस मादा पैंथर की जान वन विभाग नहीं बचा सका।
फिर पावटा में गई सर्दी से जान
इस साल की शुरूआत के पहले दिन सर्दी से पैंथर दम तोड़ा था। तीन जनवरी को फिर से जयपुर के नजदीक पावटा के बुचारा गांव की पहाड़ी पर पैंथर की लाश मिली। जिसके बाद वन विभाग ने जाकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम करवाया तो पता लगा कि यह पैंथर शीतलहर में भोजन के इंतजाम में फिरता रहा और सर्दी की चपेट में आ गया। जिससे इसकी मौत हो गई।
अज्ञात वाहन की टक्कर ने ली जान
जनवरी का आधा माह बीता ही था कि डूंगरपुर से फिर पैंथर की मौत की खबर आ गई। यहां नेशनल हाईवे पर आए पैंथर को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना रतनपुर में नेशनल हाईवे पर हुई। जहां एनएच-8 पर रतनपुर गांव के पास एक पैंथर सड़क पार कर रहा था। तभी डेढ़ साल उम्र की यह मादा पैंथर हादसे की शिकार हो गई।
टैरिटरी के चक्कर में गई जान
संक्रांति से पहले फिर से टैरिटरी के चक्कर में भिड़ने से एक पैंथर की मौत हो गई। जयसमंद अभयारण्य में दो पैंथर्स के बीच हुए आपसी संघर्ष में एक पैंथर की मौत हो गई। यहां साढ़े तीन वर्षीय युवा पैंथर की किसी अन्य वयस्क पैंथर की टैरिटरी में जाने से झगड़ा हो गया था जिससे उसकी जान चली गई।
संक्रमण फैलने से मौत
जमवारामगढ़ उपखंड के बासना वन क्षेत्र में भी दो पैंथर टैरिटरी के चक्कर में भिड़ गए थे। जिसमें से घायल हुए एक पैंथर ने करीब दस दिन बाद दम तोड़ा। इस दौरान वन विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई जिसको घायल पैंथर की जानकारी ही नहीं मिला। संघर्ष में घायल हुए पैंथर ने करीब दस दिन बाद दम तोड़ दिया।
पैंथर की संक्रमण फैलने से मौत हो गई। इसी तरह जयपुर के पास दिल्ली रोड पर फिर से सर्दी से पैंथर की मौत हुई।