इस आदेश के बाद सपा और भाजपा में राजनीतिक लड़ाई तीखी हो चली है । बीडीसी सदस्यों के गायब कराने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज़ हो चुका है । भदोही ब्लॉक में शक्ति परीक्षण की यह जंग दूसरी बार होगी। जहाँ समाजवादी पार्टी अपना कब्जा बरकरार रखना चाहेगी , वहीं भाजपा भगवा लहराना चाहेगी। जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार त्रिपाठी ने ने बताया की इस दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम होंगे।
संवेदशीलता को देखते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सचिन्द्र पटेल भी मौजूद रहेंगे । इस दौरान पूरी मतदान प्रक्रिया ड्रोन कैमरे की निगरानी में होगी । राजनीतिक सम्वेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं । अपर पुलिस अधीक्षक डा. संजय कुमार ने भदोही ब्लॉक परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से चौरी – इंदिरा मिल मार्ग सुबह 07 बजे से लेकर मतदान की प्रक्रिया की समाप्ति शाम पांच बजे तक बंद रहेगा।
इस दौरान मातदेय स्थल पर वोटरों के अलावा किसी भी व्यक्ति को अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीँ होगी। बीडीसी सदस्यों को अपने साथ आईडी और फोटो लानी होगी। जिनका प्रमाण पत्र नहीँ होगा वह निर्गत होगा। इंदिरा मिल पर विशेष नज़र होगी। सभी दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है । इस दौरान चार विडिओ और एक ड्रोन कैमरे से पूरे मतदान की निगरानी होगी। सुरक्षा में 100 से अधिक एसआई, तीन सीओ और 500 जवान तैनात किए गए हैं ।
इन सब के अलावा खुफिया विभाग के लोग भी रहेंगे। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए एक कम्पनी पीएसी , आंसू गैस, दमकल गाड़ी के अलावा दूसरे आधुनिक हथियार तैनात रहेंगे । किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीँ होगी। कुमार ने बताया की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में वोटिंग होगी। भदोही ब्लॉक में कुल 148 क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं । जबकि जोगीपुर वार्ड की एक सीट त्यागपत्र देने से एक सीट खाली है ।
भाजपा इस जंग में क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रियंका सिंह के साथ खड़ी है । जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में उनका दावा है कि 88 क्षेत्र पंचायत उनके साथ हैं । सदस्य द्वारा भदोही ब्लाक प्रमुख के पद हेतु 20 दिसम्बर 2017 को अविश्वास प्रस्ताव पत्र जिलाधिकारी को प्रस्तुत किया गया था। जिसके क्रम में जिलाधिकारी विशाख जी ने भदोही ब्लाक प्रमुख के अविश्वास प्रस्ताव के लिए एसडीएम भदोही की अध्यक्षता में 15 जनवरी को विकास खण्ड भदोही के परिसर में पूर्वान्ह् 11 बजें क्षेत्र पंचायत सदस्यों की आवश्यक आहूत की गयी है ।
जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के सम्बन्ध में परिचर्चा की जायेगी। सपा सरकार में 2010 में बसपा से जुड़े ब्लॉक विनय दूबे उर्फ फजीहत के खिलाफ प्रशांत सिंह की तरफ़ से अविश्वास लाया गया था, जिसमें विनय की पराजय हुईं थी। बाद में हुए उपचुनाव में सुनीता यादव 23 मतों से सपा सरकार में जीत हासिल किया था । हालांकि यह जीत भी विवादों में रही । इसके बाद 2016 में सपा के विकास यादव प्रमुख चुने गए।
जिसके बाद भाजपा सरकार बदलने के बाद राजनतिक बदले का खेल तेज हो गया है । जिसमें विकास यादव के खिलाफ शक्ति परीक्षण की अनुमति मिल गई है । अब देखना है कि इस शह-मात के खेल में जय किसकी और पराजय किसके माथ लिखी होती है। परिणाम चाहे कुछ भी हो सियासत की इस अदावत में लोकतंत्र हासिए पर है ।