हॉस्टल में देखरेख कर रहे फूलचंद ने बताया कि बिहार के मधेपुरा निवासी छात्रा शिखा कुमारी यादव (17) पिछले वर्ष अप्रेल से मेडिकल की तैयारी कर रही थी। कोरोना संक्रमण के चलते पिता सर्वेश कुमार शुक्रवार शाम ही बेटी को घर ले जाने के लिए आए थे। शनिवार को करीब 12 बजे ट्रेन से उन्हें बिहार लौटना था।
पिता बेटी के सामने गिडगड़़ाते रहे
फूलचंद ने बताया कि सुबह 9 बजे छात्रा के पिता कुछ सामान लेकर नीचे आ गए और कुछ सामान शिखा नीचे लेकर आने वाली थी। शिखा सामान लेकर नीचे नहीं आई और हॉस्टल की पांचवी मंजिल की बालकनी पर खड़ी हो गई। इसी दौरान सड़क पर खड़े लोगों ने बालकनी की रैलिंग पर लड़की को देखकर चिलाना शुरू किया। पिता ने बेटी से खूब मिन्नतें की बेटी ऐसा मत करो। इसी दौरान कुछ लोग हॉस्टल की पांचवीं मंजिल पर दौड़े, लेकिन वो लोग पहुंचते उससे पहले ही उसने छलांग लगा दी। छात्रा के आत्महत्या की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई।
फूलचंद ने बताया कि सुबह 9 बजे छात्रा के पिता कुछ सामान लेकर नीचे आ गए और कुछ सामान शिखा नीचे लेकर आने वाली थी। शिखा सामान लेकर नीचे नहीं आई और हॉस्टल की पांचवी मंजिल की बालकनी पर खड़ी हो गई। इसी दौरान सड़क पर खड़े लोगों ने बालकनी की रैलिंग पर लड़की को देखकर चिलाना शुरू किया। पिता ने बेटी से खूब मिन्नतें की बेटी ऐसा मत करो। इसी दौरान कुछ लोग हॉस्टल की पांचवीं मंजिल पर दौड़े, लेकिन वो लोग पहुंचते उससे पहले ही उसने छलांग लगा दी। छात्रा के आत्महत्या की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई।
बेटी कमरा खाली नहीं करना चाहती थी हॉस्टल के कर्मचारियों ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर व लॉकडाउन के चलते पिता बेटी को घर ले जाने के लिए आए थे। पिता हॉस्टल का कमरा खाली कर जाना चाहते थे, लेकिन बेटी चाह रही थी किताबें लेकर चलते हैं फिर वापस किताबें लेकर ही आ जाऊंगी। इस बात को लेकर पिता-पुत्री में मनमुटाव था।
पिता से मनमुटाव के चलते की आत्महत्या थानाधिकारी गंगासहाय शर्मा ने बताया कि छात्रा के पिता उसे लेने आए थे। हॉस्टल खाली करने को लेकर पिता से मनमुटाव हो गया और उसने पांचवीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। पोस्टमार्टम के बाद शव पिता को सौंप दिया। पिता शव लेकर बिहार रवाना हो गए।