फोन पे का बदलवाया पासवर्ड तो आया लालच-
बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि मृतक घनश्याम के बेटे व बहू 22 अक्टूबर को गांव गए थे। जाते समय वह उनके देखभाल और खाने पीने की जिम्मेदारी तेजसिंह को देकर गए थे। मृतक घनश्याम तेजसिंह पर पूरा विश्वास करता था। एक दिन उसने अपना मोबाइल फोन देकर तेजसिंह से फोन पे का पासवर्ड बदलवाया। बातचीत के दौरान तेजसिंह को पता चला गया कि फोन पे के अंदर 1 लाख 91 हजार रुपए हैं। तेजसिंह के मन में लालच आ गया। उसने अपने दोस्त असलम और गोलू को इसकी जानकारी दी। तब गोलू ने तेजसिंह से कहा कि तुम घनश्याम का मोबाइल फोन ले आओ। मैं उसके खाते के पैसे ट्रांसफर कर निकाल लूंगा। साजिश के सूत्रधार गोलू ने यह भी कहा कि घनश्याम रात को 8 बजे साइकिल से ड्यूटी पर जाता है। तब तुम मोबाइल पर फोन करना। जब वह मोबाइल फोन सुनने के लिए जैसे ही फोन उठाएगा। तुम मोबाइल फोन लूट कर भाग जाना।
बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि मृतक घनश्याम के बेटे व बहू 22 अक्टूबर को गांव गए थे। जाते समय वह उनके देखभाल और खाने पीने की जिम्मेदारी तेजसिंह को देकर गए थे। मृतक घनश्याम तेजसिंह पर पूरा विश्वास करता था। एक दिन उसने अपना मोबाइल फोन देकर तेजसिंह से फोन पे का पासवर्ड बदलवाया। बातचीत के दौरान तेजसिंह को पता चला गया कि फोन पे के अंदर 1 लाख 91 हजार रुपए हैं। तेजसिंह के मन में लालच आ गया। उसने अपने दोस्त असलम और गोलू को इसकी जानकारी दी। तब गोलू ने तेजसिंह से कहा कि तुम घनश्याम का मोबाइल फोन ले आओ। मैं उसके खाते के पैसे ट्रांसफर कर निकाल लूंगा। साजिश के सूत्रधार गोलू ने यह भी कहा कि घनश्याम रात को 8 बजे साइकिल से ड्यूटी पर जाता है। तब तुम मोबाइल पर फोन करना। जब वह मोबाइल फोन सुनने के लिए जैसे ही फोन उठाएगा। तुम मोबाइल फोन लूट कर भाग जाना।
गला घोंटकर की हत्या-
थानाधिकारी हरिपाल सिंह ने बताया कि तेजसिंह व असलम ने दो दिनों तक घनश्याम का पीछा किया। लेकिन वह मोबाइल फोन नहीं लूट सके। तब तीनों दोस्तों ने घनश्याम की हत्या {hatya}कर मोबाइल फोन {mobile phone} लूटने {loot} की साजिश रची। इसके बाद 25 अक्टूबर को तेजसिंह अपने दोस्त असलम को लेकर घनश्याम वैष्णव के घर पहुंचे। वहां खाना खाकर सोने का नाटक किया। इसके बाद जब घनश्याम वैष्णव भी खाना खाकर सो गए। तब दोनों युवकों ने गला दबाकर उनकी गला घोंटकर हत्या {hatya} कर दी। इसके बाद लाश को एक बोरे में डाल दिया और घनश्याम का मोबाइल फोन अपने दोस्त गोलू को ले जाकर दे दिया।
थानाधिकारी हरिपाल सिंह ने बताया कि तेजसिंह व असलम ने दो दिनों तक घनश्याम का पीछा किया। लेकिन वह मोबाइल फोन नहीं लूट सके। तब तीनों दोस्तों ने घनश्याम की हत्या {hatya}कर मोबाइल फोन {mobile phone} लूटने {loot} की साजिश रची। इसके बाद 25 अक्टूबर को तेजसिंह अपने दोस्त असलम को लेकर घनश्याम वैष्णव के घर पहुंचे। वहां खाना खाकर सोने का नाटक किया। इसके बाद जब घनश्याम वैष्णव भी खाना खाकर सो गए। तब दोनों युवकों ने गला दबाकर उनकी गला घोंटकर हत्या {hatya} कर दी। इसके बाद लाश को एक बोरे में डाल दिया और घनश्याम का मोबाइल फोन अपने दोस्त गोलू को ले जाकर दे दिया।
दोस्त की स्कूटी से ले गए लाश-
एडिशनल डीसीपी अवनीश कुमार शर्मा ने बताया कि हत्या के बाद तेजसिंह ने अपने दोस्त मंजीत को फोन कर कहा कि वह किसी लड़की से मिलने जा रहा है। यह बहाना बनाकर तेजसिंह अपने दोस्त की स्कूटी ले आया। इसके बाद वे दोनों कमरे में रखा शव को स्कूटी पर डाला और फिर सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में फेंककर आ गए। उन्होंने बोरे पर एक गद्दी डाल दी। ताकि कोई देख नहीं सके। अगले दिन 26 अक्टूबर को लाश वाले बोरे को कुत्ते नोंच रहे थे। तब सूचना मिलने पर सांगानेर सदर पुलिस मौके पर पहुंची और शव की शिनाख्त की।
एडिशनल डीसीपी अवनीश कुमार शर्मा ने बताया कि हत्या के बाद तेजसिंह ने अपने दोस्त मंजीत को फोन कर कहा कि वह किसी लड़की से मिलने जा रहा है। यह बहाना बनाकर तेजसिंह अपने दोस्त की स्कूटी ले आया। इसके बाद वे दोनों कमरे में रखा शव को स्कूटी पर डाला और फिर सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में फेंककर आ गए। उन्होंने बोरे पर एक गद्दी डाल दी। ताकि कोई देख नहीं सके। अगले दिन 26 अक्टूबर को लाश वाले बोरे को कुत्ते नोंच रहे थे। तब सूचना मिलने पर सांगानेर सदर पुलिस मौके पर पहुंची और शव की शिनाख्त की।