जयपुर

चूड़ी कारखाने से तीन बालश्रमिक मुक्त

शहर में बालश्रमिकों से काम करवाने का सिलसिला लगातार जारी है। मानव तस्करी यूनिट और पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी बालश्रमिकों से काम करवाना रुक नही

जयपुरMay 18, 2018 / 12:44 am

Lalit Tiwari

Three child labor free from bangles factory

चूड़ी कारखाने से तीन बालश्रमिक मुक्त
जयपुर

शहर में बालश्रमिकों से काम करवाने का सिलसिला लगातार जारी है। मानव तस्करी यूनिट और पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी बालश्रमिकों से काम करवाना रुक नहीं रहा है। भट्टा बस्ती थाना पुलिस ने चूड़ी कारखाने में काम करने वाले तीन बालश्रमिकों को मुक्त करवाया है, जबकि । दबिश के दौरान संचालक भागने में सफल हो गया। छुड़ाए गए बच्चों की उम्र १० से १५ साल के बीच बताई जा रही है। पुलिस ने बच्चों को छुड़वाने के बाद हैल्प लाइन संस्था को सुपुर्द कर दिया है।
पुलिस ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि भट्टा बस्ती स्थित संजय नगर में एक चूड़ी का कारखाना है। जिसमें छोटे छोटे बच्चों से चूड़ी बनाने का काम करवाया जा रहा है। इस पर पुलिस ने पहले जानकारी जुटाई और इसके बाद संजय नगर में दबिश देकर तीन बालश्रमिकों को मुक्त करवा लिया। पुलिस ने बताया कि चूड़ी कारखाने में छोटे छोटे बच्चों से चूड़ी बनाने का काम करवाया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में कारखाना संचालक भागने में सफल हो गया। पुलिस ने सभी बच्चों को चाइल्ड हैल्प लाइन के सुपुर्द कर दिया, जहां से उन्हें कुछ दिनों बाद अपने घर भेज दिया जाएगा।
बिहार से लाए गए थे बच्चे-

पुलिस ने बताया कि चूड़ी कारखाने में काम करने वाले सभी बच्चों को बिहार से लाया गया था। बच्चों की उम्र १० से १५ साल के बीच है। पुलिस पूछताछ में बच्चों ने बताया कि उन्हें घर से यह कहकर लाया गया था कि जयपुर में उन्हें पढ़ाने ले जाया जा रहा है। यहां लाकर उन्हें चूड़ी बनाने के काम में लगा दिया गया। बच्चों ने बताया कि उन्हें कारखाना मालिक भरपेट भोजन भी नहीं देता था। बच्चे सुबह से लेकर देर रात तक चूड़ी बनाने का काम करते थे। इस बीच उन्हें अंदर ही कैद रखा जाता था, ताकि बाहर किसी को बच्चों के रहने का पता नही चल सके। बच्चे लगातार चूड़ी बनाने का काम करते थे। बच्चों ने बताया कि उन्हें नाश्ता भी नही दिया जाता था।

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