रात तक दुरुस्त होती रहीं ऑक्सीजन लाइनें
उधर सीटी सर्जरी विभाग के आईसीयू में मरीजों को देर रात तक भी शिफ्ट नहीं किया जा सका, क्योंकि वहां बिजली की लाइनें पूरी तरह से जलने के कारण बिजली नहीं थी। सेमी आईसीयू में दिन भर ऑक्सीजन की सप्लाई सिलेंडरों से ही की जाती रही। वहीं इंजीनियर रात को भी ऑक्सीजन लाइनों को दुरुस्त करने में लगे रहे। ऑक्सीजन लाइनों को जोडऩे के लिए दिन भर सेमी आईसीयू के बाहर तोडफ़ोड़ चलती रही, जिससे वहां मरीज परेशान होते रहे। वहीं गलियारों में रखे गए आईसीयू के मरीज दिन भर गर्मी में परेशान होते रहे।
उधर सीटी सर्जरी विभाग के आईसीयू में मरीजों को देर रात तक भी शिफ्ट नहीं किया जा सका, क्योंकि वहां बिजली की लाइनें पूरी तरह से जलने के कारण बिजली नहीं थी। सेमी आईसीयू में दिन भर ऑक्सीजन की सप्लाई सिलेंडरों से ही की जाती रही। वहीं इंजीनियर रात को भी ऑक्सीजन लाइनों को दुरुस्त करने में लगे रहे। ऑक्सीजन लाइनों को जोडऩे के लिए दिन भर सेमी आईसीयू के बाहर तोडफ़ोड़ चलती रही, जिससे वहां मरीज परेशान होते रहे। वहीं गलियारों में रखे गए आईसीयू के मरीज दिन भर गर्मी में परेशान होते रहे।
कल सीटी सर्जरी विभाग के ऑपरेशन थिएटर के स्टोर में लगी थी आग गौरललब है कि कल एसएमएस अस्पताल के बांगड़ परिसर में दूसरी मंजिल पर स्थित सीटी सर्जरी विभाग के ऑपरेशन थिएटर के स्टोर में भीषण आग लग गई थी। स्टोर में लगी भीषण आग के धुएं से थिएटर के पास स्थित सीटी सर्जरी आईसीयू से लेकर पूरे बांगड़ परिसर के सभी वार्डों में धुआं भर गया था। स्टोर में आग लगने की जानकारी मिलते ही पूरे बांगड़ परिसर में भर्ती मरीजों में हड़कंप मच गया था। पूरे घटनाक्रम के दौरान अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है। सेमी आईसीयू की ऑक्सीजन लाइन चालू नहीं थी तो दूसरी ओर मरीजों को दूसरी जगह ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं मिले और मरीजों को किसी तरह परिजन गोद में उठा कर भागे। तीन घंटे तक बांगड़ परिसर में अफरा-तफरी रही।