ऐसे हुई शुरुआत
सबसे पहले अभय व अमित ने मिलकर घर की छत पर ग्रोइंग चैम्बर्स में पालक, भिंडी, टमाटर, लौकी सहित अन्य सब्जियां उगाई और इन सब्जियां को बाजार में बेचा। सफलता मिलने पर तीनों ने मिलकर नांता में करीब एक एकड़ जमीन पर पॉलीहाउस तैयार किया।
हाइड्रोपोनिक तकनीक
जमीन पर पानी के पाइप का स्ट्रेक्चर खड़ा किया जाता है। पाइप में उचित दूरी पर पौधे लगाए जाते हैं। पाइप में पानी के साथ पौधे के लिए आवश्यक पोषण तत्व दिए जाते हैं। इस तरह बिना मिट्टी के उपयोग के सब्जियों की खेती की जाती है।
80% पानी की बचत
वे सौर ऊर्जा व मिनरल वाटर का उपयोग कर पानी व बिजली की खपत को कम करने में कामयाब हुए हैं। पारम्परिक खेती की तुलना में 80 फीसदी कम पानी की खपत हो रही है। पौधों को ग्रोइंग चैम्बर्स से ही ऑक्सीजन, न्यूट्रीशियन की पूर्ति हो जाती है।
बड़ी खेती की तैयारी
इससे उत्साहित होकर तीनों की कोटा के निकट केशोरायपाटन में 65 बीघा जमीन पर आधुनिक कृषि का बड़ा केन्द्र खोलने की योजना है। जहां हजारों महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।
ऑटोमेटिक कन्ट्रोल
एक ऑटोमेटिक कन्ट्रोल सिस्टम तैयार किया है जो मोबाइल से कनेक्ट रहता है। मोबाइल से ही बटन दबाकर ऑफिस में बैठकर फार्म हाउस में पौधों में पानी व जरूरी मिनरल्स पहुंचाया जा सकता है।