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तीन लोगों की जान लेने वाला आदमखोर बाघ टी-104 अब रहेगा सलाखों के पीछे

locationजयपुरPublished: Oct 07, 2019 12:46:46 am

Submitted by:

vinod

रणथम्भौर (Ranthambore Sanctuary) व करौली के कैलादेवी अभयारण्य (Kailadevi Sanctuary) में अब तक तीन लोगों को शिकार (Hunting three people) बना चुका बाघ टी-104 (Tiger t-104) अब सलाखों के पीछे (behind bars) रहेगा। इसे बॉयोलोजिकल पार्क (Biological Park) में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया।

तीन लोगों की जान लेने वाला आदमखोर बाघ टी-104 अब रहेगा सलाखों के पीछे

तीन लोगों की जान लेने वाला आदमखोर बाघ टी-104 अब रहेगा सलाखों के पीछे

कमेटी ने माना बाघ टी-104 का स्वभाव उग्र, मानव के लिए खतरा
– बॉयोलॉजिकल पार्क भेजने का निर्णय

सवाईमाधोपुर। रणथम्भौर अभयारण्य (Ranthambore Sanctuary) व करौली के कैलादेवी अभयारण्य (Kailadevi Sanctuary) में अब तक तीन लोगों को शिकार (Hunting three people) बना चुका बाघ टी-104 (Tiger t-104) अब सलाखों के पीछे (behind bars) रहेगा। उसके स्वछंद रूप से विचरण करने पर लगाम लगेगी। बाघ के स्वभाव का अध्ययन करने वाली कमेटी ने बाघ के स्वभाव को उग्र व मानव के लिए खतरा माना। इसके बाद इसे बॉयोलोजिकल पार्क (Biological Park) में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया।
वनाधिकारियों ने यह निर्णय रविवार को सीसीएफ कार्यालय में हुई बैठक में किया। बैठक में जांच कमेटी के सदस्यों व एनटीसीए के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और टी-104 के भविष्य को लेकर विस्तार से चर्चा की। बाघ के स्वभाव का अध्ययन करने वाले दल के सदस्यों ने बाघ के स्वभाव को उग्र व मानव के लिए खतरा माना। हालांकि बाघ किस बॉयोलॉजिकल पार्क में भेजा जाएगा अभी यह तय नहीं किया गया है।
रणथम्भौर में नहीं रखा जा सकता बाघ

वनाधिकारियों ने बैठक में माना की बाघ मानव के लिए खतरनाक है। उसे अधिक दिनों तक भिड़ स्थित एनक्लोजर में रख पाना संभव नहीं है। वहीं बाघ को खुले में भी नहीं छोड़ा जा सकता है।
एनटीसीए को भेजेंगे प्रस्ताव
बाघ को बॉयोलॉजिकल पार्क में भेजने के निर्णय के बाद अब एनटीसीए को प्रस्ताव भेजा जाएगा। एनटीसीए से अनुमति मिलने पर ही टी-104 के संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एनक्लोजर में बंद बाघ
बाघ टी-104 भिड़ स्थित एनक्लोजर में 21 दिनों से बंद है। बाघ को 15 सितम्बर को करौली से रेस्क्यू करने के बाद एनक्लोजर में शिफ्ट किया गया था। तभी यह तय हो गया था कि बाघ को अब रणथम्भौर में खुले जंगल में नहीं छोड़ा जाएगा।
निर्देश पर ही आगे की कार्रवाई
बाघ को खतरनाक मानते हुए अन्यत्र शिफ्ट करने का फैसला किया गया। इसके लिए हम एनटीसीए व उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव भेजेंगे। एनटीसीए व उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– मनोज पाराशर, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर

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