राहुल शातिर दिमाग का है। वह पाली शहर के देव नगर नया गांव स्थित मकान में रहने लगा। यहां अपना नाम राहुल बंजारा कर दिया। पुलिस को भी गुमराह किया, इसके बाद वह कभी पुलिस की नजर में नहीं आया। यहां रहकर उसने अपना गिरोह बना लिया और ज्वैलरी शोरूम में वारदातें करने लगा। यह गिरोह दस से बीस मिनट में वारदात कर फरार हो जाता।
जब गिरोह की चोरी की कार के नम्बर पुलिस के पास पहुंच गए तो आरोपी राहुल ने बूसी-सोमेसर में नई नम्बर प्लेट बनवाई। इसकी भनक पुलिस को लग गई। पुलिस लगातार उसके पीछे थी। आखिकार हत्थे चढ़ गए।
आरोपी राहुल का नाम जब पुलिस के पास पहुंचा तो नाडोल पुलिस चौकी प्रभारी कमल सिंह व कोशेलाव पुलिस चौकी प्रभारी ओमप्रकाश चौधरी ने उसके पते को ट्रेस कर लिया। उन्होंने वहां दबिश देकर उसे दबोच लिया। राहुल पूर्व में पुलिस पर हमला करने का आरोपी भी रह चुका है।
पुलिस का फोकस अब माल बरामदगी पर है। पुलिस का दावा है कि अधिकांश वारदातों में चोरी हुआ माल बरामद करने का प्रयास जारी है। चोरी के माल खरीदारों पर भी पुलिस की नजर है।