बाघिन उत्तर के बजाय दक्षिण दिशा में भेजने की अनुमति कैसे दी?
जयपुरPublished: Aug 31, 2018 09:38:16 pm
— हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एनटीसीए से मांगा शपथ पत्र
हाईकोर्ट ने रणथम्भोर अभयारण्य से दो बाघिनों को मुकंदरा हिल्स भेजने पर रोक जारी रखते हुए एनटीसीए से शपथ पत्र मांगा है। इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए शपथ पत्र में यह बताने को कहा है कि दोनों बाघिनों उत्तर के बजाय दक्षिण दिशा में भेजने की अनुमति कैसे दी? साथ ही, राज्य सरकार से पूछा कि बाघिन को उत्तर के बजाय दक्षिण दिशा में भेजने की अनुमति मांगने का पत्र कहा हैं। कोर्ट अब 10 सितंबर को सुनवाई करेगा।
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार ने अजय शंकर दुबे व सीबी सिंह सहित अन्य की याचिका पर शुक्रवार को यह आदेश दिया। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एन एम लोढ़ा और एनटीसीए की ओर से अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने कहा कि बाघिनों को मुकंदरा हिल्स भेजने की अंतिम अनुमति दे दी गई है, अब याचिका को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने एकबारगी तो इस बात को स्वीकार करने की मंशा जाहिर की, लेकिन जैसे ही याचिकाकर्ता दुबे की ओर से अधिवक्ता अनुराग लावटिया ने कोर्ट का ध्यान दिलाया कि बाघिनों को मुकंदरा हिल्स में उत्तर दिशा में भेजने की अनुमति मांगी थी फिर दक्षिण दिशा की अनुमति कैसे दी गई है? दक्षिण दिशा में भेजने की तो अनुमति मांगी ही नहीं गई। इससे जल्दबाजी साफ दिख रही है। साथ ही, कहा कि एनटीसीई ने पत्र में शर्त लगाई है, इससे स्पष्ट है कि अब तक सैद्धांतिक अनुमति ही दी गई है। अंतिम अनुमति तो अब तक नहीं दी है। इस पर कोर्ट ने दस्तावेज देखने के बाद कहा कि पत्र की भाषा के अनुसार अंतिम अनुमति नहीं, सैद्धांतिक अनुमति दी गई है।
पहले उत्तर, अब दक्षिण क्यों?
कोर्ट ने कहा कि 19 अक्टूबर 17 को मुकंदरा हिल्स में उत्तर दिशाम में भेजने की अनुमति मांगी गई थी, फिर अनुमति दक्षिण दिशा की कैसे दी? कोर्ट ने इस पर एनटीसीए से शपथ पत्र तलब किया।