अधूरे कामों पर न दें ध्यान
हम अपनी बहुत सारी एनर्जी उन कामों के बारे में सोचने पर खर्च कर देते हैं, जो काम अधूरे रह गए हो या फिर उनकी उपयोगिता खत्म हो चुकी हो। इसलिए जो काम आपके हाथ से निकल जाए, उसके बारे में सोचना छोड़ दें। ऐसे कामों को हमेशा दिमाग में पीछे की तरफ रखें। अधूरे कामों के बारे में सोचने से आपमें नकारात्मकता भी बढ़ेगी और आप जरूरी टास्क पर ठीक तरह से फोकस नहीं कर पाएंगे। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप हमेशा आगे की प्लानिंग पर ही ध्यान दें।
डेड लाइन सेट करना है जरूरी
किसी भी काम के प्रति अपनी गंभीरता को बनाने के लिए उसकी डेडलाइन को सेट करना भी जरूरी है। डेडलाइन टास्क पूरा करने के लिए एक मोटिवेशनल टूल की तरह काम करेगा। हो सकता है कि कुछ टास्क के लिए डेडलाइन सेट नहीं की जा सके लेकिन हर टास्क पर इस फार्मूले को लागू नहीं करें। देखा जाए तो डेडलाइन काम की टालमटोल को रोकने का काम करती है। यदि आप किसी काम की डेडलाइन स्वयं तय करते हैं तो आप सही तरीके से अनुसरण भी कर सकते हैं। वहीं आप डेडलाइन को नजरअंदाज करते हैं तो टाइम मैनेजमेंट की स्किल को सीखना भी मुश्किल होगा।
रोजाना टू-डू लिस्ट तैयार करें
टू-डू लिस्ट तैयार करने को टाइम मैनेजमेंट का सबसे अच्छा टूल माना गया है। कागज पर आपने जिन कामों को लिख लिया है, उन्हें पूरा करना भी अब आसान होगा। इससे आप यह भी सोच पाएंगे कि ये काम कितने आवश्यक है और उन्हें कितने समय में पूरा करना है। इसलिए टू-डू लिस्ट की उपयोगिता समझें।
एक समय में एक काम
एक समय में आप कई सारे कामों को निपटाते हैं तो किसी भी एक काम पर ठीक तरह से फोकस नहीं कर पाएंगे। हालांकि बहुत से लोगों का मानना है कि मल्टीटास्टिंग अच्छा तरीका है लेकिन कई तरह की स्टडी से सामने आया है कि यह प्रोडक्टिविटी को कम करने का काम करती है। टास्क पूरे करने के लिए एक समय में एक ही काम करें।
थोड़ा रिलैक्स रहना भी है जरूरी
यदि आप बर्न आउट से बचना चाहते हैं तो रोजाना की टास्क लिस्ट में कुछ समय रिलैक्स के लिए भी मैनेज करना होगा। काम के बीच छोटा ब्रेक लेने से दिमाग रिलैक्स होगा और फोकस को भी बेहतर किया जा सकता है। साथ ही टाइम मैनेजमेंट के टारगेट को पूरा करने पर स्वयं को रिवॉर्ड भी दें। इससे मोटिवेशन मिलेगा।