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सीएए पर चर्चा के लिए 3 दिन में मिलेगा समय: शाह

locationजयपुरPublished: Feb 14, 2020 01:33:11 am

Submitted by:

Vijayendra

शाह बोले…‘गोली मारो… और भारत-पाक मैच… जैसे बयान नहीं देने चाहिए थे’‘हो सकता है (दिल्ली चुनाव) में इसका खामियाजा भुगतना पड़ा हो’‘शाहीन बाग को हमने मुद्दा बनाया और यह आज भी चर्चा का मुद्दा है।’

Amit Shah

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गृहमंत्री: दिल्ली विधानसभा चुनाव पर तोड़ी चुप्पी
नई दिल्ली. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में दिल्ली चुनाव के दौरान ‘देश के गद्दारों’ और ‘भारत-पाकिस्तान का मैच’ जैसे बयानों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ‘वो बयान नहीं देने चहिए थे।’ यह पूछे जाने कि क्या पार्टी को इसका खामियाजा भुगतन पड़ा, उन्होंने कहा, हो सकता है कि भुगतना पड़ा हो।’
सीएए और एनआरसी के विरोध पर शाह ने कहा, ‘सभी को शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार है। जो भी मेरे साथ सीएए से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहे वह मेरे कार्यालय से समय मांग सकता है, उसे तीन दिनों के भीतर समय आवंटित किया जाएगा।’ विवादित बयानों पर शाह ने कहा कि पार्टी ने तुरंत ही अपने आप को उनसे अलग किया। पार्टी के कार्यकर्ता कई स्तरों से उभरकर आते हैं। हर स्तर के कार्यकर्ता चुनाव के मैदान में होते हैं, ऐसे में कोई कुछ बोल जाता है। मगर जनता को मालूम है कि पार्टी कौन है। पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता होते हैं, घोषित बोर्ड होता है, स्थापित नेता होते हैं, और उनके बयानों को नजर अंदाज कर कोई बोलता है तो वो पार्टी का नजरिया नहीं हो सकता।’ उन्होंने कहा कि ‘वोट देने वाले ने क्यों वैसा वोट दिया ये तो मालूम नहीं किया जा सकता, मगर हो सकता है कि भुगतना पड़ा हो।’
शाह ने कहा कि भाजपा के केवल चुनाव जीतकर सरकार बनाने के लिए लड़ती। हम अपनी विचारधारा को फैलाने में विस्तार करते हैं। केवल दिल्ली ही नहीं, हम हर चुनाव अपने दिल और आत्मा से लड़ते हैं। यह पहली बार नहीं कि हम चुनाव हारे हैं। हम बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी हम चुनाव हारे हैं।
धर्म के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं
हमने कभी भी धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। सीएए में कोई प्रावधान नहीं है जो कहता है कि मुसलमानों की नागरिकता रद्द कर दी जाएगी। केवल सीएए की आलोचना न करें, बल्कि गुणों के आधार पर चर्चा करें। सीएए न तो मुस्लिम विरोधी है और न ही अल्पसंख्यक विरोधी। मैं किसी से भी मिलने को तैयार हूं, लेकिन चर्चा गुणदोष के आधार पर होनी चाहिए। दुर्भाग्य से कोई भी आगे आकर सीएए से चर्चा नहीं करना चाहता है।’
शाहीन बाग अभी भी एक मुद्दा
शाहीन बाग़ के मुद्दे पर अपने करंट वाले बयान की चर्चा होने पर गृहमंत्री ने कहा, ‘मैं मानता हूँ कि विपक्ष ने मेरे उस बयान को मुद्दा बना लिया, मगर चुनाव कभी भी एक मुद्दे पर नहीं लड़ा जाता। प्रदर्शन कैसे होने चाहिए, इसे हमने मुद्दा बनाया था और ये आज भी चर्चा का मुद्दा है। जिस तरह से शाहीन बाग़ वालों को अपना मत व्यक्त करने का अधिकार है, वैसे ही हमें भी अधिकार है कि हम अपना मत व्यक्त करें।’
जम्मू-कश्मीर: कोई भी जाए पाबंदी नहीं
जम्मू-कश्मीर में नेताओं के संबंध में गृहमंत्री ने कहा कि इन नेताओं की नजरबंदी पर फैसला स्थानीय प्रशासन द्वारा लिया जाता है।’ उन्होंने कहा कि राजनेताओं समेत को भी नए केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने के लिए स्वतंत्र हैं, यदि वे जाना चाहते हैं कि कोई प्रतिबंध नहीं।

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