जयपुर

15 साल की बच्ची का पति ने किया रेप, तो पीड़िता ने शादी की खारिज, पति को दिलवाई सजा

बालविवाह जैसे संवेदनशील मामले पर मूट कोर्ट में चला केस, 18 वर्ष से कम उम्र की पत्नी से जबरन संबंध बनाना है अपराध
 
 
 

जयपुरFeb 24, 2020 / 09:38 pm

Deepshikha Vashista

सिलाई के लिए सौ रुपए, देने होंगे पांच हजार रुपए

जयपुर. माता पिता ने 15 साल की बेटी का बालविवाह कर दिया। ये सोचकर कि लड़का अच्छा है गौना बाद में कर देंगे। एक दिन बच्ची स्कूल से घर जा रही थी। रास्ते में पति मिला और लड़की को घर ले जाने के बहाने जयपुर लाता है और यहां उसके साथ बलात्कार करता है। इसके बाद लड़की डर जाती है और किसी से कुछ नहीं कहती। दो साल बाद जब लड़की का गौना किया जाता है तो वह विवाह रद्द करने और बलात्कार का केस करने को कहती है। राजस्थान विश्वविद्यालय में दो दिवसीय 9वीं यूलसी रांका राज्य स्तरीय मूटकोर्ट प्रतिस्पर्धा 2020 में इसी मामले को दिखाया।
पक्ष
बालविवाह के दोनों पक्षकार को यह अधिकार है कि वह अपने विवाह को वयस्कता की आयु प्राप्त करने के बाद एक वर्ष के भीतर निरस्त करा सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय है कि यदि कोई व्यक्ति 18 साल से कम उम्र की लड़की जो चाहे उसकी पत्नी हो के साथ संबंध बनाता है तो यह बलात्कार है। लड़की सहमति की सहमति भी इसमें कोई मायने नहीं रखती है।
विपक्ष
बचाव पक्ष की ओर से कहा किया गया याचिकाकर्ता आरोपी की पत्नी है। पति को पत्नी का नैसर्गिक संरक्षक माना गया है उसके द्वारा अपनी ही पत्नी का अपहरण करने का केस नहीं बनता है। साथ ही पत्नी के साथ बनाया गया संबंध रेप श्रेणी में नहीं आता है।
मुख्य अतिथि राज्य मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन न्यायाधीश महेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि अधिवक्ताओं के व्यवसाय में लड़कों से ज्यादा लड़किया आ रही हैं और बहुत ही प्रभावी ढंग से अपने तर्क पेश कर रही हैं। विधि महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.अरूणा चौधरी ने कहा कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से हम बालविवाह की बुराईयों और स्त्री के साथ अमानवीय व्यवहार के प्रति युवा पीढ़ी को जागरुक किया।
रांका पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी जस्टिस जेके रांका ने बताया मूटकोर्ट प्रतियोगिता में 24 टीमों ने भाग लिया। इसमें विश्वविद्यालय विधि महाविद्यालय केन्द्र-2 ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने बालविवाह निरोध अधिनियम, पोक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता सहित कई अन्य अधिनियमों के तहत इस केस को लड़ा।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.