यह है नियम
– स्कूलों के आस-पास 200 मीटर तक तंबाकू बेचना वर्जित
– अस्पतालों के आस-पास नहीं होगी तंबाकू की दुकान
– महीने के आखिरी दिन नहीं बिकेंगे तंबाकू उत्पाद
– तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर 85 फीसदी होगी वैधानिक चेतावनी
– तंबाकू की दुकानों पर लगाना होगा चेतावनी का बोर्ड
– 18 वर्ष से कम वालों को नहीं बेचा जाएगा तंबाकू
देशभर में हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इसके बाद पूरे साल तक तंबाकू निषेध कानून की धज्जियां उड़ाई जाती है। कानून का कठोर पालन नहीं होने के कारण आज युवाओं और यहां तक की महिलाओं में तंबाकू के सेवन की प्रवृति लगातार बढ़ रही है। युवाओं के सामने तंबाकू का सेवन एक फैशन बन गया है। नियम के अनुसार अस्पतालों और स्कूलों के बाहर पान-गुटखा व अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबंध है लेकिन स्कूलों और अस्पतालों के सामने तंबाकू उत्पादों की बिक्री कहीं ज्यादा होती है। अस्पतालों के परिसर में धुम्रपान करने वाले व गुटखा खाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
अधिकारी बैठे हैं आखें मूंदे
– नहीं हो रहा है नियमित निरीक्षण
– स्कूलों के पास खुले में बेचा जा रहा है तंबाकू
– अस्पतालों के परिसर में नहीं है तंबाकू सेवन पर रोक
– दुकानों पर नहीं लगे हैं चेतावनी बोर्ड
बीएमजे ग्लोबल हेल्थ की ओर से किए गए सर्वे के मुताबिक सिगरेट पीने की लत की वजह से भारत में हर साल 10 लाख लोगों की मौत होती है। वहीं, इस मामले में वल्र्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन का कहना है कि तंबाकू उत्पादों की वजह से होने वाली बीमारियों पर भारत में सालाना 16 अरब रुपए लोगों के उपचार पर खर्च किए जाते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से तंबाकू उत्पादों पर 85 फीसदी वैधानिक चेतावनी की अधिसूचना को सही ठहराया है।