सरकार ने 3 अधिनियम का उल्लंघन माना
सरकार के संज्ञान में आया है कि राज्य में कई व्यापारिक केन्द्र बिना अनुज्ञप्ति के अनाधिकृत दुकानों से तथा सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (कोटपा), किशोर न्याय (बच्चों का संरक्षण एवं सुरक्षा) अधिनियम, 2015 तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 का उल्लंघन करते हुए तम्बाकू उत्पादों का प्रसंस्करण, भंडारण, वितरण एवं विपणन कर रहे हैं।
10 लाख मृत्यु प्रतिवर्ष..
स्वायत्त शासन विभाग के आदेश के तहत तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया गया है। 6 से 8 प्रमुख मृत्युकारक कारणों में से तम्बाकू का उपयोग एक मुख्य कारण है। इससे कैंसर, हृदय व रक्त वाहिकाओं के रोग तथा फेफड़ों से संबंधित बीमारियां होती है। इससे करीब 40 प्रशित असंक्रामक बीमारियों का कारण तम्बाकू का प्रयोग है। इस कारण हर वर्ष भारत में करीब 10 लाख मृत्यु होती है।
सरकार के संज्ञान में आया है कि राज्य में कई व्यापारिक केन्द्र बिना अनुज्ञप्ति के अनाधिकृत दुकानों से तथा सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (कोटपा), किशोर न्याय (बच्चों का संरक्षण एवं सुरक्षा) अधिनियम, 2015 तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 का उल्लंघन करते हुए तम्बाकू उत्पादों का प्रसंस्करण, भंडारण, वितरण एवं विपणन कर रहे हैं।
10 लाख मृत्यु प्रतिवर्ष..
स्वायत्त शासन विभाग के आदेश के तहत तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया गया है। 6 से 8 प्रमुख मृत्युकारक कारणों में से तम्बाकू का उपयोग एक मुख्य कारण है। इससे कैंसर, हृदय व रक्त वाहिकाओं के रोग तथा फेफड़ों से संबंधित बीमारियां होती है। इससे करीब 40 प्रशित असंक्रामक बीमारियों का कारण तम्बाकू का प्रयोग है। इस कारण हर वर्ष भारत में करीब 10 लाख मृत्यु होती है।
सेक्स हार्मोन भी इससे प्रभावित
इससे न केवल आपको मुंह का कैंसर हो सकता है, बल्कि इससे दांत भी खराब हो सकते हैं। इतना ही नहीं, गुटखे में मौजूद कई किस्म के रसायनों से हमारे डीएनए को भी नुकसान हो सकता है। इसके अलावा हमारे सेक्स हार्मोन भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। हाल ही में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एज्यूकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि गुटखा खाने का बुरा असर हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर होता है। इससे पहले विभिन्न अध्ययनों में धुआंरहित तंबाकू उत्पाद गुटखा से दांतों के खराब होने पर ही सहमति थी।
इससे न केवल आपको मुंह का कैंसर हो सकता है, बल्कि इससे दांत भी खराब हो सकते हैं। इतना ही नहीं, गुटखे में मौजूद कई किस्म के रसायनों से हमारे डीएनए को भी नुकसान हो सकता है। इसके अलावा हमारे सेक्स हार्मोन भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। हाल ही में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एज्यूकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि गुटखा खाने का बुरा असर हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर होता है। इससे पहले विभिन्न अध्ययनों में धुआंरहित तंबाकू उत्पाद गुटखा से दांतों के खराब होने पर ही सहमति थी।