उधर, राष्ट्रीय एकता दिवस के कार्यक्रम होने से शिक्षकों के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। दरअसल, शिक्षकों की इन दिनों चुनाव कार्यों में ड्यूटी लगी हुई है, वहां प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं। जो चुनाव ड्यूटी में नहीं है, वे परीक्षा केंद्रों में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा करवा रहे हैं। इस बीच नए आदेश से शिक्षक पसोपेश में हैं कि कौनसा कार्य छोड़कर स्कूल जाएं। वहीं, शहर के अधिकांश स्कूलों में एकता दिवस दोपहर बाद मनाया जाएगा। ताकि शिक्षक परीक्षा कार्य के बाद कार्यक्रम में हिस्सा ले सकें। उधर, शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी शहर के एक हिस्से में लगाई गई है और स्कूल दूसरी दिशा में हैं। पूरा दिन शहर का चक्कर लगाने में ही बीत जाएगा।
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– रामकृष्ण अग्रवाल, प्रदेशाध्यक्ष, अखिल राजस्थान विद्यालय संघ (अरस्तू)