भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( Anti Corruption Bureau ) ने गत 16 मई को बजरी से भरे प्रति ट्रक 3000 रुपए वसूली करने का मामला खुलासा किया था। एसओजी की जांच में सामने आया था कि तत्कालीन थानाधिकारी पीपलू वीजेंदर सिंह कांस्टेबल कैलाश जाट के जरिए रात को बजरी के ट्रक निकलवाने के एवज में प्रति ट्रक 3000 रुपए लेता है। एसीबी ने कांस्टेबल कैलाश को 6000 रुपए लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। टोंक एसीबी ने आरोपी कैलाश से मौके पर ही ट्रकों से वसूली की गई 1.46 लाख रुपए रकम भी बरामद की थी।
थानाधिकारी वीजेन्दर सिंह ने 16 मई की रात्रि को कांस्टेबल कैलाश को बजरी के ट्रकों से उगाही के 70 हजार रुपए लेकर थाने पर बुलाया। लेकिन बाद में उसे एसीबी का छापा पडऩे की सूचना मिली गई और वह थाने से भाग गया था। तभी से एसीबी उसको तलाश रही थी। 20 फरवरी को ही विजेन्दर को पीपलू थाने में पोस्टिंग दी गई थी।
रातभर होती थी वसूली
एसीबी की शुरुआती जांच में सामने आया था कि थानाधिकारी विजेंद्र सिंह गिल ने कांस्टेबल कैलाशचंद जाट को वसूली के नियुक्त कर रखा था। वह रातभर बजरी के ट्रकों से सिर्फ वसूली का काम करता था। वसूली में से कुछ राशि थानाप्रभारी उसे भी देता था। जानकारी के अनुसार थानाधिकारी की उस समय एक रात की कीमत लगभग 70 हजार से एक रुपए मानी गई थी।
टोंक में अब भी नहीं रुका अवैध बजरी खनन
टोंक में अब भी अवैध बजरी खनन नहीं रुका है। पुलिस ने शुक्रवार को ही बजरी खननकर्ताओं से एक डम्पर, दो ट्रक व 13 ट्रेक्टर ट्राॅली जब्त कर तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की कार्रवाई में डम्पर चालक सीताराम गुर्जर को मौके से गिरफ्तार किया। वहीं कार से बजरी की रैकी कर रहे मूलचन्द मीणा और हनुमान गुर्जर को चाकसू से गिरफ्तार किया गया।