गोपालपुरा बायपास से गुर्जर की थड़ी के बीच सड़क को चौड़ा तो कर दिया गया पर लापरवाही के चलते हमेशा यहां हादसे की आशंका बनी रहती है। सड़क की चौड़ाई बढऩे से जहां यातायात थोड़ा सुगम हुआ वहीं परेशानी भी पैदा करने लगा है। त्रिवेणी चौराहे, सूर्य नगर मोड और महेश नगर मोड पर यातायात पुलिसकर्मी नजर नहीं आता, ऐसे में वाहन चालक बेखौफ गाडिय़ों को दौड़ाते हैं। इस मार्ग पर रिद्धी-सिद्धी पर कभी कभार ट्रैफिक पुलिसकर्मी नजर आ जाता है वह भी यातायात कम ओने-कोने में खड़े होकर वाहन चालक का चालान काटने में व्यस्त रहता है। ट्रैफिक भगवान भरोसे ही चलता है।
रेड लाइट पर भी नहीं रुकते–
रिद्धी-सिद्धी, त्रिवेणी चौराहे, सूर्य नगर मोड और महेश नगर मोड पर हर जगह ट्रैफिक सिग्नल मौजूद हैं पर पालन नहीं होता। वाहन चालक अपनी मनमर्जी से गाड़ी चलाते हैं और सिग्नल पर ध्यान ही नहीं देते। यहां रेड हो या ग्रीन लाइट वाहन चालक को कोई मतलब नहीं है। उन्हें न चालान का डर न हादसे का।
गुजरते हैं हजारों वाहन–
इस मार्ग से मानसरोवर, शिप्रापथ, गुर्जर की थड़ी, अजमेर रोड, सोडाला की जाया और आया जा सकता है। ऐसे में हजारों की संख्या में वाहन रोजाना इस मार्ग से गुजरते हैं। ऐसे में कभी भी हादसा होने का अंदेशा बना रहता है। यहां से डेयरी के दूध संग्रहण वाहन भी बड़ी संख्या में गुजरते हैं।
लाइट ही नजर नहीं आती–
महेश नगर मोड पर गोपालपुरा बायपास की ओर से आने वाले वाहन चालकों को अगर 80 फीट की ओर घूमना है तो उसे लाइट ही नजर नहीं आती। यहां साइन बोर्ड आगे आने से लाइट उसके पीछे छिप गई है।
महेश नगर मोड पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी नजर ही नहीं आता, ऐसे में वाहन चालक अपनी मनमर्जी से चलते हैं। कई बार तो गलत दिशा से वाहन सामने आ जाता है और हादसे की संभावना बढ़ जाती है।
-जितेन्द्र सिंह(सूपा),
सचिव, श्रीगोपालनगर विकास समिति।
-जितेन्द्र सिंह(सूपा),
सचिव, श्रीगोपालनगर विकास समिति।
गोपालपुरा बायपास से महेश नगर मोड तक प्रमुख चौराहों पर यातायातकर्मी कभी-कभी ही नजर आता है। महेश नगर मोड पर कभी ट्रैफिककर्मी नहीं दिखा। यहां ट्रैफिक सिग्नल भी नजर नहीं आता।
-पंकज सुराणा,
निवासी महेश नगर।