जानकारी के अनुसार जयपुर भ्रमण के साथ ही सैलानियों को प्रदेश के दूसरे पर्यटक स्थलों तक ले जाने के लिए भी एयरक्राफ्ट किराए पर देने की योजना बनाई गई थी। राज्य सरकार ने पर्यटकों को एयर टैक्सी के रूप में 7 सीटर किंग एयर बी—200 और किंग एयर सी—90ए एयरक्राफ्ट के उपयोग को मंजूरी भी दे दी थी। एयर टैक्सी की बुकिंग राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) और डायरेक्टरेट आॅफ सिविल एविएशन स्टेट हैंगर एयरपोर्ट की मार्फत होनी थी।
जानकारी के अनुसार 7 सीटर किंग एयर बी—200 और किंग एयर सी—90ए एयरक्राफ्ट के लिए किराया 50 हजार रूपए प्रति घंटा और प्रतिदिन न्यूनतम किराया 2 लाख रूपए तय किया गया। एयर टैक्सी के लिए बाकायदा दो कर्मचारी भी नियुक्त कर दिए गए, जिन्हें बुकिंग समेत अन्य गतिविधियां देखनी थीं। इनमें से एक कर्मचारी अब भी एयर टैक्सी बुकिंग से जुड़ी जानकारियां देने के लिए उपलब्ध है। सवालों की जानकारी दोनों ही एयरक्राफ्ट 7 सीटर होने के कारण किराया एक समान तय किया गया। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से सैद्धांतिक रूप से मंजूरी मिलने के बाद एयर टैक्सी योजना की शुरूआत जयपुर के आमेर महल और जयगढ़ किले से होनी थी। साथ ही सवाई माधोपुर और चित्तौड़गढ़ सहित अन्य शहर भी इसमें जोड़े जाने थे। हेलिकॉप्टर से सैर योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स पर हेलीपैड बनाने की योजना थी। लेकिन घाटे से जूझ रहा आरटीडीसी और पर्यटन विभाग इस योजना को अमल में ला ही नहीं सके।
क्या बोले बुकिंग करने वाले – पर्यटकों को एयर टैक्सी सुविधा मुहैया करवाने के लिए एयरक्राफ्ट सेवा शुरू करने की योजना थी। मंजूरी समेत तमाम तैयारियां हो गई, लेकिन एयरक्राफ्ट नहीं होने के कारण योजना शुरू नहीं हो पाई। पर्यटक एयर टैक्सी बुकिंग के लिए पूछते तो हैं पर एयरक्राफ्ट नहीं है।
केशरी सिंह, एयरटैक्सी बुकिंग अधिकारी