पर्यटन मंत्री विश्ववेंद्र सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि “मैं राजस्थान में पर्यटन और उससे संबंधित उद्योगों में लगे लाखों लोगों के हितों और आजीविका को बचाने के लिए निकट भविष्य में कुछ कठोर लेकिन आवश्यक फैसलों में मुख्यमंत्री जी आपके समर्थन के लिए तत्पर हूं।”
आगे उन्होंने लिखा कि “एक भी राज्य पर्यटन परियोजना का उद्घाटन नहीं किया गया है और न ही पर्यटन अधिकारियों की कोई नई भर्ती हुई है। दो एमडी बदले जाने के बावजूद, आरटीडीसी की पुनरुद्धार योजना का कोई ठिकाना नहीं है।”
“यह स्थिति है (पर्यटन विभाग) जो की राजस्थान के सबसे अधिक प्रासंगिक विभागों में से एक है । अतः कुछ बदलाव लाने की जरूरत है।” मंत्री ने अपने अगली ट्वीट में लिखा कि पर्यटकों के आगमन के आंकड़े पहले ही गंभीर रूप से गिर चुके हैं और राजस्थान में पर्यटन उद्योग की दुर्दशा लगातार बढ़ रही है, फिर भी अधिकारी आंखें मूंदे हैं।”
“अधिकारी इस बात को लेकर अंधेरे में हैं कि कोविड 19 के बाद पर्यटन पुनरुद्धार की दिशा में क्या होना चाहिए और इस संबंध में मेरे प्रयासों के बावजूद, निजी क्षेत्र से हितधारकों की भागीदारी को शामिल करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है। विभाग की वित्तीय स्थिति बेहद चिंतनीय है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों और पर्यटन उद्योग के हितधारकों के लिए कोई प्रशिक्षण या पुनर्विन्यास नहीं किया गया है। यहां नए गाइड्स की कोई भर्ती नहीं हुई है और विभाग को पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार से एक भी स्वदेश दर्शन परियोजना नहीं मिल पाई है।”
“विश्ववेंद्र ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि विभाग के अधिकारी मेरे निरंतर प्रयासों और पहलों के बावजूद, उच्च पर्यटन वृद्धि प्राप्त करने और नए उत्पादों को पेश करने के प्रति उदासीन हैं। पिछले डेढ़ वर्षों में, विभाग एक नई टूरिज्म पॉलिसी पेश करने में असमर्थ रहा है।”
“मैंने बहुत लंबे समय तक, अपने स्वभाव और कार्य नैतिकता के खिलाफ जा कर बहुत सारी चीजों पर चुप्पी बनाए रखी थी लेकिन मेरे सीएम ने हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी की वकालत की है और मैं अब पर्यटन विभाग की कमियों को साझा करने के लिए मजबूर हूं।”
ट्वीटर पर मुख्यमंत्री को किया टैग
पर्यटन मंत्री विश्ववेंद्र सिंह ने अपने ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक भी अपनी बात पहुंचाई, उन्होंने मुख्यमंत्री को ट्विटर पर टैग किया। हालांकि देर रात से ही विश्ववेंद्र सिंह की ओर से अपने ही विभाग पर सवाल खड़ा करना चर्चा का विषय बना हुआ है। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष और नौकरशाही के बीच भी इसकी चर्चा है। गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान से ही विश्ववेंद्र सिंह अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं।