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जाम है या आरजू का गाना, हूजूर हमसे बचके कहां जाइएगा, जहां जाइएगा हमें पाइएगा..

locationजयपुरPublished: Nov 20, 2018 02:40:36 am

Submitted by:

Mahesh gupta

न्यू सांगानेर रोड से लाइव रिपोर्ट : कई घंटे तक रेंगते रहे वाहन, सर्दी में भी पसीने छूटे, चुनाव और शादियों के बीच यातायात व्यवस्था फेल

jaipur

जाम है या आरजू का गाना, हूजूर हमसे बचके कहां जाइएगा, जहां जाइएगा हमें पाइएगा..

महेश गुप्ता
जयपुर. जहां की तहां थमीं गाडिय़ां और चहुंओर हॉर्न की तेज आवाज। हर कोई आगे निकलने ही होड़ में, मगर आगे बढऩे के लिए जगह ही नहीं। सबको सिर्फ खुद के उबर जाने की जल्दी, दूसरों की परवाह किसी को नहीं। नियमों और यातायात व्यवस्था की फिक्र करने वाला भी कोई नहीं।
ऐसा ही माजरा था, सोमवार शाम न्यू सांगानेर रोड से जब मैं वीटी रोड के सामने पहुंचा। हल्की ठंड में भी पसीने छूटने लगे। जी घबराने लगा। लेकिन क्या करता? जल्दी निकलने की होड़ में वाहन आड़े-तिरछे होकर इस कदर घुसे और एक-दूसरे से सटे हुए थे कि आधे हाथ जितनी जगह भी नहीं थी। तिस पर विडम्बना यह कि यहां यातायात पुलिसकर्मी प्राय: नहीं रहते। वाहन चालक मनमर्जी से चलते हैं। भले ही यातायात बाधित हो। या किसी की जान पर बन आए। खासी मशक्कत के बाद भी रिद्धि-सिद्धि की तरफ जाने के लिए चौराहा पार नहीं कर पाया तो न्यू सांगानेर रोड पर ही बढ़ा। दो मिनट का रास्ता जैसे-तैसे 20-25 मिनट में तय कर पटेल मार्ग पर पहुंचा। वहां भी हालात ज्यादा अच्छे नहीं थे। चहुंओर से यातायात बेतरतीब आ रहा था मगर देखने वाला कोई नहीं था। वहां लगे जाम में दुल्हन की तरह सजीं कारें भी फंसी हुई थीं। एक लग्जरी गाड़ी में बैठी दुल्हन और उसके परिजन प्रशासन को कोस रहे थे। लोगों से कह रहे थे, थोड़ा सहयोग करो, निकलने दो, मुहूर्त निकल जाएगा। आंखों से आंसू छलकने को थे। आखिर 3-4 लोग अपनी गाडिय़ों से उतरे, यातायात सुचारू करने में मदद की।
सेंट विल्फ्रेड कॉलेज के सामने बीआरटीएस कॉरिडोर में फंसी एक एम्बुलेंस देर तक हूटर बजाती रही। लेकिन गाडिय़ों के हॉर्न इतने गंूज रहे थे कि उसकी शायद दूसरे चालकों को सुनाई नहीं दी। करीब आधे घंटे बाद यातायात पुलिसकर्मी आए, मशक्कत कर एम्बुलेंस को रास्ता दिलाया। गाडिय़ां रेंग-रेंगकर विजयपथ पहुंची तो मुहाना मंडी रोड पर कई मैरिज गार्डन होने के कारण हालात और खराब थे। यहां से लम्बी मशक्कत के बाद आगे बढ़ा तो बीटू बाइपास पर 2-3 बारातें निकल रही थीं। लोग गाडिय़ों में बैठे परेशान होते रहे, बाराती नाचते रहे। न्यू सांगानेर रोड पर तो सांगानेर क्षेत्र के चारों प्रत्याशियों के कार्यालय और कार्यकर्ता भी जाम का कारण बनते दिखे। आखिर मैंने बीटू बायपास की राह पकड़ी और टोंक रोड चौराहे पर पहुंचा। फिर जवाहर सर्कल होते हुए जेएलएन मार्ग पहुंचा तो राह आसान हुई। हालांकि ओटीएस चौराहा 3 बार लालबत्ती के बाद पार कर पाया। यहां किसी विदेशी वीआइपी के कारण 5 मिनट तक यातायात रोका गया था। घर से तो समय पर निकला मगर रास्ते में देर हो गई। जगह-जगह जाम से सामना हुआ तो आरजू फिल्म का वह गाना याद आ गया, हूजूर हमसे बचके कहां जाइएगा, जहां जाइएगा हमें पाइएगा..।
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