सेंट विल्फ्रेड कॉलेज के सामने बीआरटीएस कॉरिडोर में फंसी एक एम्बुलेंस देर तक हूटर बजाती रही। लेकिन गाडिय़ों के हॉर्न इतने गंूज रहे थे कि उसकी शायद दूसरे चालकों को सुनाई नहीं दी। करीब आधे घंटे बाद यातायात पुलिसकर्मी आए, मशक्कत कर एम्बुलेंस को रास्ता दिलाया। गाडिय़ां रेंग-रेंगकर विजयपथ पहुंची तो मुहाना मंडी रोड पर कई मैरिज गार्डन होने के कारण हालात और खराब थे। यहां से लम्बी मशक्कत के बाद आगे बढ़ा तो बीटू बाइपास पर 2-3 बारातें निकल रही थीं। लोग गाडिय़ों में बैठे परेशान होते रहे, बाराती नाचते रहे। न्यू सांगानेर रोड पर तो सांगानेर क्षेत्र के चारों प्रत्याशियों के कार्यालय और कार्यकर्ता भी जाम का कारण बनते दिखे। आखिर मैंने बीटू बायपास की राह पकड़ी और टोंक रोड चौराहे पर पहुंचा। फिर जवाहर सर्कल होते हुए जेएलएन मार्ग पहुंचा तो राह आसान हुई। हालांकि ओटीएस चौराहा 3 बार लालबत्ती के बाद पार कर पाया। यहां किसी विदेशी वीआइपी के कारण 5 मिनट तक यातायात रोका गया था। घर से तो समय पर निकला मगर रास्ते में देर हो गई। जगह-जगह जाम से सामना हुआ तो आरजू फिल्म का वह गाना याद आ गया, हूजूर हमसे बचके कहां जाइएगा, जहां जाइएगा हमें पाइएगा..।