ऐप के लिए शहर में आने व जाने वाले 11 मार्गों पर कैमरे लगाए जाएंगे। इससे हर वाहन पर यातायात पुलिस की नजर रहेगी। यातायात पुलिस के मुताबिक जयपुर में सवाई मानसिंह, कांवटिया, जयपुरिया सहित सरकारी और निजी स्तर पर करीब 200 अस्पताल हैं। इनमें विभिन्न इलाकों से एबुलेंस मरीजों को पहुंचाती है।
– अत्यधिक गंभीर मरीज के लिए रास्ता रोक दिया जाएगा
– गंभीर मरीज लाने वाली एबुलेंस के लिए सडक़ पर तैनात पुलिसकर्मियों के पास संदेश पहुंच जाएगा, वे रास्ता क्लीयर करवाएंगे।
– साधारण मरीज के लिए अलर्ट बटन पर नियंत्रण कक्ष पर तैनात पुलिसकर्मी एबुलेंस चालक को खाली मार्ग बताएंगे
– गोल्डन आवर्स ऐप पहले एम्बुलेंस के लिए चालू किया जाएगा। लेकिन बाद में इसे अग्निशमन और पुलिस वाहनों के लिए भी उपयोग में लिया जा सकेगा।
राहुल प्रकाश, उपायुक्त, यातायात पुलिस