अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (द्वितीय) अजयपाल लाम्बा ने बुधवार को इस टावर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए टावर को यादगार तिराहे पर स्थापित किया गया है। प्रदूषण वर्तमान समय की ज्वलंत समस्या है, जिसके दुष्प्रभावों से आमजन ग्रसित है।
कार्बनडाई ऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदलता है अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित यह टावर कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन के रूप में त्वरित गति से परिवर्तित कर देता है। राजस्थान में पहली बार जयपुर में यह टावर स्थापित किया गया है। इस अवसर पर एडिशनल ट्रैफिक सतवीर सिंह, ललित किशोर शर्मा, वीरेसेंट टेक्नोलॉजीज के प्रतिनिधी व पुलिसकर्मी उपस्थित रहे।
दर्जनभर टावर और लगेंगे
कंपनी के डायरेक्टर दिपांश यादव का कहना है कि यह टावर रोजाना दस घंटे तक चलता है, तो 1300 मीटर स्क्वायर एरिया में सामान्य पीपीएम कर देता है। दस घंटे तक चलने पर 4 यूनिट बिजली की खपत होती है। कंपनी जयपुर शहर का सर्वे करके 10 से 15 जगह पर और एेसे टावर लगाएगी। अब लगने वाले टावर सोलर लाइट से चलेंगे।