-ट्रेन से कटने वाले अस्सी फीसदी युवा
जयपुर शहर में ट्रेन से कट कर काल का ग्रास बनने वाले अस्सी फीसदी युवा है। जयपुर शहर में सबसे ज्यादा हादसे जगतपुरा फाटक, इंडूणी फाटक, दादी का फाटक और गोनेर फाटक पर होते है। जयपुर में करीब चालीस किलोमीटर से अधिक की दूरी में रेलवे लाइन फैली हुई है। जयपुर से होकर रोजाना करीब तीन सौ ट्रेन गुजरती है। शहरी क्षेत्र के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है। यहीं वजह है कि पटरियां पार करने के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से लोग मौत का शिकार हो जाते है। वहीं कुछ लोग सुरक्षा बदइंतजामी का फायदा उठाकर ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर रहे है। इन हादसों को रोकने का जिम्मा आरपीएफ व जीआरपी थाना पुलिस के पास है।
जयपुर शहर में ट्रेन से कट कर काल का ग्रास बनने वाले अस्सी फीसदी युवा है। जयपुर शहर में सबसे ज्यादा हादसे जगतपुरा फाटक, इंडूणी फाटक, दादी का फाटक और गोनेर फाटक पर होते है। जयपुर में करीब चालीस किलोमीटर से अधिक की दूरी में रेलवे लाइन फैली हुई है। जयपुर से होकर रोजाना करीब तीन सौ ट्रेन गुजरती है। शहरी क्षेत्र के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है। यहीं वजह है कि पटरियां पार करने के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से लोग मौत का शिकार हो जाते है। वहीं कुछ लोग सुरक्षा बदइंतजामी का फायदा उठाकर ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर रहे है। इन हादसों को रोकने का जिम्मा आरपीएफ व जीआरपी थाना पुलिस के पास है।
– हादसों को रोकने के लिए समय-समय पर आमजन में समझाइस अभियान चलाया जाता है। आरपीएफ के साथ हमारी पुलिस भी इन हादसों को रोकने के लिए लगातार प्रयासरत रहती है। रेलवे भी अपने स्तर पर हादसे रोकने के लिए प्रयास करता है। पटरी पार करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।
रतन लाल , थानाधिकारी जीआरपी जयपुर
रतन लाल , थानाधिकारी जीआरपी जयपुर