खुशियों की सौगात इससे चौमूं, रींगस, गोविंदगढ़, पलसाना सहित आसपास क्षेत्र के लोगों को खुशियों की सौगात मिलेगी। यहां से बड़ी तादाद में लोग रोजगार के लिए रोजाना राजधानी की ओर रुख करती है। इसके अलावा खाटू श्याम जी, जीणमाता मेले के दौरान काफी मदद मिलेगी।
कनेक्टिविटी बढ़ेगी, सीधा जुड़ाव होगा
सीकर से चुरु, लुहारु के लिए ब्रॉडगेज सेवा शुरू हो चुकी है। ऐसे में जयपुर- सीकर रेलवे लाइन के शुरू होने से कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी साथ ही दिल्ली-रेवाड़ी से भी सीधा जुड़ाव होगा। इससे जयपुर से दिल्ली के लिए यात्रा सुगम होगी;
सीकर से चुरु, लुहारु के लिए ब्रॉडगेज सेवा शुरू हो चुकी है। ऐसे में जयपुर- सीकर रेलवे लाइन के शुरू होने से कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी साथ ही दिल्ली-रेवाड़ी से भी सीधा जुड़ाव होगा। इससे जयपुर से दिल्ली के लिए यात्रा सुगम होगी;
बन रहा सबसे बडा पुल
रींगस में सात किलोमीटर लम्बा पुल बन रहा है। 186 करोड रुपए से बनने वाले इस पुलिया पर रेल चलेगी, इससे लोगों की यात्रा काफी रोमांचित होगी, इसके अलावा ये प्रदेश का सबसे बडा रेलवे ओवरब्रिज होगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार 24 महीने में बनकर तेयार होने वाला ये पुल अभी तक चालीस फीसदी तैयार हो चुका है। मार्च से पूर्व इसका कार्य पूरा हो जाएगा।
491 किलोमीटर दोहरीकरण का कार्य भी पूरा
इधर उत्तर पश्चिम रेलवे के रेवाड़ी पालनपुर (वाया अलवर-जयपुर- अजमेर ) 716 किलोमीटर बड़ी लाइन खंड पर युद्ध स्तर पर जारी है। ये अलग अलग फेज में 70 फीसदी पूरा हो चुका है। इस दौरान रेलवे-अजमेर (74 कि.मी.), बांदीकुई- दौसा (29 कि.मी.), दौसा- जयपुर (29 कि.मी.) जयपुर- फुलेरा (55 कि.मी.), फुलेरा- अजमेर (80 कि.मी.), रानी- भीमाना (94 कि.मी.), मांगलियावास- बांगड़ ग्राम (23 किमी.) एवं हरिपुर- भीवालिया (73 किमी.) सहित कुल 491 किलोमीटर दोहरी करण कार्य पूरा हो चुका है। शेष 30 फीसदी अलवर- बांदीकुई (60 कि.मी.) एवं अजमेर- पालनपुर खंड पर लगभग 164 किलोमीटर कार्य शेष हैं। ये इसी वित्त वर्ष में पूरा हो जाएगा। व्यस्ततम रेलमार्ग एवं अत्याधिक यात्री यातायात को देखते हुए इसे दोहरीकरण किया जा रहा है। इससे रेल सेवाओं का संचालन तीव्र गति से होगा।
इधर उत्तर पश्चिम रेलवे के रेवाड़ी पालनपुर (वाया अलवर-जयपुर- अजमेर ) 716 किलोमीटर बड़ी लाइन खंड पर युद्ध स्तर पर जारी है। ये अलग अलग फेज में 70 फीसदी पूरा हो चुका है। इस दौरान रेलवे-अजमेर (74 कि.मी.), बांदीकुई- दौसा (29 कि.मी.), दौसा- जयपुर (29 कि.मी.) जयपुर- फुलेरा (55 कि.मी.), फुलेरा- अजमेर (80 कि.मी.), रानी- भीमाना (94 कि.मी.), मांगलियावास- बांगड़ ग्राम (23 किमी.) एवं हरिपुर- भीवालिया (73 किमी.) सहित कुल 491 किलोमीटर दोहरी करण कार्य पूरा हो चुका है। शेष 30 फीसदी अलवर- बांदीकुई (60 कि.मी.) एवं अजमेर- पालनपुर खंड पर लगभग 164 किलोमीटर कार्य शेष हैं। ये इसी वित्त वर्ष में पूरा हो जाएगा। व्यस्ततम रेलमार्ग एवं अत्याधिक यात्री यातायात को देखते हुए इसे दोहरीकरण किया जा रहा है। इससे रेल सेवाओं का संचालन तीव्र गति से होगा।