विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जब कर्मचारियों की भर्ती की जाती है तब उन्हें आधारभूत प्रशिक्षण दिया जाता है ओर संबंधित वन क्षेत्रों में पदस्थापित कर दिया जाता है लेकिन सभी वन्यकर्मियों की नियुक्ति वन्यजीव क्षेत्रों जैसे वन्यजीव अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान या बाघ सरंक्षण क्षेत्रों में नहीं हो पाती। एेसे में उन्हें वन्यजीव प्रबंधन और बाघ बघेरों के प्रबंधन की प्रेक्टिकल नॉलेज नहीं हो पाती है। जिससे भविष्य में पदोन्नति या किसी दूसरी वजह से जब उन्हें इन क्षेत्रों में लगाया जाता है तो उन्हें कार्य सम्पादन में परेशानी आती है। एेसे में विभाग ने सभी वनरक्षकों, सहायक वनपालों और वनपालों को वन्यजीव क्षेत्रों में कार्य करने का प्रशिक्षण दिलवाने का निर्णय लिया है।
यह मिलेगा प्रशिक्षण वन्यजीव प्रबंधन की फील्ड ट्रेनिंग के दौरान तीनों बाघ परियोजनाओं सरिस्का, रणथंभौर और मुकुंदरा हिल्स के उपवन सरंक्षक और उपनिदेशक इन वन कर्मियों को राष्ट्रीय उद्यान में बाघ, बघेरे, भालू और अन्य वन्यजीवों की मॉनिटरिंग, प्राकृतिक वास संरक्षण, उद्यान में अवैध चराई और खनन की रोकथाम आदि विषयों का प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
……………………. इनको दिया जाएगा प्रशिक्षण वनपाल सहायक वनपाल वनरक्षक …………………. कब और किस जिले के कर्मचारियों होगा प्रशिक्षण आपको बता दें कि प्रदेश के सभी जिलों के वनपाल, सहायक वनपाल और वन रक्षकों को सरिस्का, रणथंभौर और मुकुंदरा हिल्स बाघ परियोजना में १५ दिन का प्रशिक्षण किया जाएगा। आइए डालते हैं एक नजर किस जिले के कर्मचारियों का कब होगा प्रशिक्षण:
२० जुलाई से ३ अगस्त तक : अजमेर, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़, जालौर, उदयपुर उत्तर,झुंझुनू, भीलवाड़ा, बारां, बीकानेर, धौलपुर, टोंक और चूरू ४ अगस्त से १८ अगस्त तक : अलवर, बूंदी, बाड़मेर, चित्तौडग़ढ़, कोटा, नागौर, सीकर, झालावाड़, दौसा, करौली प्रादेशिक, जोधपुर, जैसलमेर।
१९ अगस्त से २ सितंबर तक : भरतपुर, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जोधपुर, पाली, सिरोही, कोटा प्रादेशिक, सवाई माधोपुर, उदयपुर, प्रतापगढ़, जयपुर उत्तर, विभागीय कार्य मंडल जयपुर,उदयपुर और बीकानेर के क्रमश २,२ और एक कर्मचारी।
३ सितंबर से १७ सितंबर तक: अजमेर, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़, जालौर, उदयपुर उत्तर, झुंझनू, झालावाड़, दौसा, करौली प्रादेशिक, जोधपुर, जैसलमेर। १८ सितंबर से २ अक्टूबर तक : अलवर, बूंदी, बाड़मेर, चित्तौडग़ढ़, कोटा, नागौर, भीलवाड़ा, बारां, बीकानेर, धौलपुर, टोंक और चूरू।
ब्रोन्क्स चिडि़याघर में टाइगर आया था पॉजिटिव गौरतलब है कि अमेरिका के ब्रोन्क्स चिडि़याघर में नाडिया नामक टाइगर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। रिपोट्र्स के अनुसार इस चिडि़याघर का कर्मचारी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया था। बाद में चिडिय़ाघर के 3 बाघों को सूखी खांसी आने पर इनकी जांच की गई तो इनमें से एक टाइगर को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसी प्रकार हॉन्गकॉन्ग में एक कुत्ते और बेल्जियम में एक बिल्ली को कोविड 19 पॉजिटिव पाई गई। ये सबसे शुरुआती मामले थे जब जानवरों में कोविड 19 की पुष्टि हुई थी। इन दोनों ही मामलों के संदर्भ में कहा गया कि इनके मालिकों में कोरोना वायरस के लक्षण थे और संभव है कि जानवरों को कोविड 19 इसी वजह से हुआ हो। न्यूयॉर्क में ही 23 अप्रैल को दो पालतू बिल्लियों में भी कोरोना वायरस संक्रमण पाया गया है, बिल्लियों के संक्रमण की वजह भी उनके मालिकों को ही माना गया।
इनका कहना है,
विभाग हर जिले से पांच कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए बाघ परियोजनाओं में भेज रहा है। जिससे उन्हें फील्ड में काम करने का वास्तविक अनुभव मिल सके। जिससे वह समय आने पर अपने काम को पूरी सजगता से कर सकें। जहां तक कोरोना की बात है तो कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान विभाग रख रहा है। हमारा विभाग भी कोरोना वॉरियर्स की तरह ही काम कर रहा है।
जीवी रेड्डी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, जयपुर।
विभाग हर जिले से पांच कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए बाघ परियोजनाओं में भेज रहा है। जिससे उन्हें फील्ड में काम करने का वास्तविक अनुभव मिल सके। जिससे वह समय आने पर अपने काम को पूरी सजगता से कर सकें। जहां तक कोरोना की बात है तो कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान विभाग रख रहा है। हमारा विभाग भी कोरोना वॉरियर्स की तरह ही काम कर रहा है।
जीवी रेड्डी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, जयपुर।