प्रशिक्षण में होती है दिक्कत ..
पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षणार्थी अधिक होने पर सुव्यवस्थित प्रशिक्षण में दिक्कत होती है। प्रशिक्षणार्थियों को फायरिंग रेंज ले जाने के बाद दस्ता या टुकड़ी की देखरेख में एक ही कंपनी कमांडर रहता है। इससे एक कम्पनी कमांडर होने से केंद्र में प्रशासनिक काम और प्रशिक्षण में परेशानी होती है। इधर प्रशिक्षण कार्य में निरंतर बढ़ोतरी होती जा रही है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षणार्थी अधिक होने पर सुव्यवस्थित प्रशिक्षण में दिक्कत होती है। प्रशिक्षणार्थियों को फायरिंग रेंज ले जाने के बाद दस्ता या टुकड़ी की देखरेख में एक ही कंपनी कमांडर रहता है। इससे एक कम्पनी कमांडर होने से केंद्र में प्रशासनिक काम और प्रशिक्षण में परेशानी होती है। इधर प्रशिक्षण कार्य में निरंतर बढ़ोतरी होती जा रही है।
करीब 27 लाख का सालाना खर्च …
प्रस्ताव में कंपनी कमांडर के तीन नए पदों की मांग की गई है। इन तीनों कंपनी कमांडर की तनख्वाह पर सालाना 26 लाख 98 हजार रुपए का वित्तीय भार बताया गया है। पिफलहाल प्रस्ताव गृह विभाग से मंजूरी के लिए वित्त विभाग में भेजा गया है।
प्रस्ताव में कंपनी कमांडर के तीन नए पदों की मांग की गई है। इन तीनों कंपनी कमांडर की तनख्वाह पर सालाना 26 लाख 98 हजार रुपए का वित्तीय भार बताया गया है। पिफलहाल प्रस्ताव गृह विभाग से मंजूरी के लिए वित्त विभाग में भेजा गया है।
प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाने से दिक्कत ..
जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में पुलिस के सात से ज्यादा ट्रेनिंग सेंटर है। इनमें पुलिस के नए रंगरूटों की ट्रेनिंग के साथ ही पुलिस के प्रमोश कोर्स या फ्रेशर्स कोर्स भी आयोजित किए जाते हैं। इनमें हैडकांस्टेबल से लेकर कम्पनी कमांडर तक के अधिकारी प्रशिक्षण देते हैं। पिछले दिनों सरकार ने बम्पर भर्तियों को देखते हुए इनमें कई ट्रेनिंग सेंटरों की प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाई थी, जिससे ट्रेनर स्टाफ की कमी हो गई।
जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में पुलिस के सात से ज्यादा ट्रेनिंग सेंटर है। इनमें पुलिस के नए रंगरूटों की ट्रेनिंग के साथ ही पुलिस के प्रमोश कोर्स या फ्रेशर्स कोर्स भी आयोजित किए जाते हैं। इनमें हैडकांस्टेबल से लेकर कम्पनी कमांडर तक के अधिकारी प्रशिक्षण देते हैं। पिछले दिनों सरकार ने बम्पर भर्तियों को देखते हुए इनमें कई ट्रेनिंग सेंटरों की प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाई थी, जिससे ट्रेनर स्टाफ की कमी हो गई।