जयपुर

कर्मचारियों को भय दिखाने के लिए सरकार ने शुरू किया तबादला उद्योग

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने तबादलों पर बैन हटाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राठौड़ ने कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ जनप्रतिनिधियों द्वारा राज्य कर्मचारियों को स्थानान्तरण का भय दिखाने के लिए तबादला उद्योग शुरू किया गया है। ताकि पिछले दरवाजे से अपने पक्ष में प्रचार के लिए कर्मचारियों को मजबूर किया जा सके। यह प्रयास लोकतंत्र को कमजोर करेगा।

जयपुरSep 17, 2020 / 04:06 pm

Umesh Sharma

कर्मचारियों को भय दिखाने के लिए सरकार ने शुरू किया तबादला उद्योग

जयपुर।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने तबादलों पर बैन हटाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राठौड़ ने कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ जनप्रतिनिधियों द्वारा राज्य कर्मचारियों को स्थानान्तरण का भय दिखाने के लिए तबादला उद्योग शुरू किया गया है। ताकि पिछले दरवाजे से अपने पक्ष में प्रचार के लिए कर्मचारियों को मजबूर किया जा सके। यह प्रयास लोकतंत्र को कमजोर करेगा।
राठौड़ ने कहा कि 34 दिन लगातार अंतर्विरोध से डगमगाई सरकार ने बाड़ाबंदी के दौरान भी विधायकों से स्थानांतरण के लिए अभिशंषा ली थी उन्हें पूरा करने के लिए तबादले शुरू किए गए हैं। जबकि राज्य में सरपंच व पंचों के चुनाव की अधिसूचना 7 सितंबर को जारी कर दी थी। इसके बाद सरकार ने 44 आबकारी अधिकारियों के स्थानांतरण कर दिए, जिन्हें निर्वाचन आयोग की ओर से रद्द करने से सरकार की फजीहत हुई है। आचार संहिता के कारण 33 में से 26 जिलों में नियमानुसार स्थानांतरण हो ही नहीं सकते, ऐसे में स्थानांतरण पर रोक हटाने का निर्णय सरकार द्वारा ग्राम पंचायत के चुनाव में राज्य कर्मचारियों को स्थानांतरण की धमकी से अपने पक्ष में प्रचार करने का प्रयास है।
स्थानांतरण स्वीकार्य नहीं

राठौड़ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) को भेजे पत्र में सख्त लहजे व गंभीरतापूर्वक राज्य सरकार को स्पष्ट संकेत दिया है कि आचार संहिता होने के बावजूद आयोग की अनुमति के बिना स्थानांतरण करना कतई स्वीकार्य नहीं होगा। राठौड़ ने मांग की है कि कर्मचारी/अधिकारियों के स्थानान्तरण आदेश पर तत्काल रोक लगाई जाए।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.