दिन-रात तबादला सूची पर चल रहा मथंन
सूत्रों के अनुसार विधानसभा में बजट सत्र खत्म होते ही मुख्यमंत्री कार्यालय में आईएएस की जंबो तबादला सूची पर दिन-रात मंथन चल रहा है। सरकार प्रदेश में? विधानसभा चुनाव की आचार-संहिता लगने से पहले 90 फीसदी बजट घोषणाओं को धरातल पर लाना चाहती है और इसके लिए रिजल्ट ओएंटेड अफसरों के नामों पर मंथन चल रहा है। जिलों के लिए भी ऐसे कलक्टर छांटे जा रहे हैं, जो कम से कम समय में परिणाम देने में आगे हों और सचिवालय स्तर पर ऐसे अफसरों की तलाश की जा रही है, जो पॉलिसि मेकिंग, बजट घोषणाओं को समय से वित्तीय स्वीकृति दिलाने में तेजी दिखाए।
सूत्रों के अनुसार विधानसभा में बजट सत्र खत्म होते ही मुख्यमंत्री कार्यालय में आईएएस की जंबो तबादला सूची पर दिन-रात मंथन चल रहा है। सरकार प्रदेश में? विधानसभा चुनाव की आचार-संहिता लगने से पहले 90 फीसदी बजट घोषणाओं को धरातल पर लाना चाहती है और इसके लिए रिजल्ट ओएंटेड अफसरों के नामों पर मंथन चल रहा है। जिलों के लिए भी ऐसे कलक्टर छांटे जा रहे हैं, जो कम से कम समय में परिणाम देने में आगे हों और सचिवालय स्तर पर ऐसे अफसरों की तलाश की जा रही है, जो पॉलिसि मेकिंग, बजट घोषणाओं को समय से वित्तीय स्वीकृति दिलाने में तेजी दिखाए।
सक्रिय-रिजल्ट ओरिएंटेड अफसरों की तलाश
सूत्रों के अनुसार इस समय सरकार के पास सचिवालय स्तर पर एक दर्जन से ज्यादा अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी हैं। इनमें से तेज तर्रार अफसरों की तलाश की जा रही है। वहीं जिलों के लिए तेज तर्रार और रिजल्ट ओरिएंटेड ऐसे अफसरों की तलाश की जा रही है, जिन्हें जिलों में कलक्टर बना कर भेजा जा सके। हालांकि आरएएस से आईएएस बने 15 अफसर अभी अपने मौजूदा पदों पर कार्य कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इनमें से कुछ अफसरों को जिलों की कमान सौंपी जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार इस समय सरकार के पास सचिवालय स्तर पर एक दर्जन से ज्यादा अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी हैं। इनमें से तेज तर्रार अफसरों की तलाश की जा रही है। वहीं जिलों के लिए तेज तर्रार और रिजल्ट ओरिएंटेड ऐसे अफसरों की तलाश की जा रही है, जिन्हें जिलों में कलक्टर बना कर भेजा जा सके। हालांकि आरएएस से आईएएस बने 15 अफसर अभी अपने मौजूदा पदों पर कार्य कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इनमें से कुछ अफसरों को जिलों की कमान सौंपी जा सकती है।
50-60 अफसर हो सकते हैं इधर-उधर
वहीं जयपुर कलक्टर सिद्धार्थ महाजन के कार्यकाल के दो साल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में उनकी जगह जयपुर जिले के लिए दूसरे कलक्टर की तलाश की जा रही है। सूत्रों की मानें तो किसी प्रमोटी आईएएस को सरकार जयपुर जिले का कलक्टर बना सकती है। आरएएस से आईएएस बने कुछ अफसर जयपुर कलक्टर बनने के लिए प्रयासरत भी हैं। सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले नौकरशाही का यह आखिरी मंथन होगा।
वहीं जयपुर कलक्टर सिद्धार्थ महाजन के कार्यकाल के दो साल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में उनकी जगह जयपुर जिले के लिए दूसरे कलक्टर की तलाश की जा रही है। सूत्रों की मानें तो किसी प्रमोटी आईएएस को सरकार जयपुर जिले का कलक्टर बना सकती है। आरएएस से आईएएस बने कुछ अफसर जयपुर कलक्टर बनने के लिए प्रयासरत भी हैं। सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले नौकरशाही का यह आखिरी मंथन होगा।