प्रशासनिक सुधार और समन्वय विभाग ने इस बारे में आदेश जारी कर हैं कि प्रशासन शहरों के संग अभियान से नियोजित नगरीय विकास विभाग और स्थानीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, आयुक्त, अधिशासी अभियंता, अधिकारी, राजस्व अधिकारी, राजस्व निरीक्षक सभी वर्ग के इंजीनियर, अभियान कार्यों से जुड़े संबंधित लिपिक वर्ग और नगर नियोजन के कार्मिकों के स्थानांतरण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि शेष विभागों के कर्मचारियों-अधिकारियों पर 30 मई को जारी आदेश यथावत रहेगा और उन विभागों के कर्मचारियों के तबादलों पर रोक नहीं रहेगी। आपको बता दें कि 30 मई को प्रदेश की गहलोत सरकार ने सभी कर्मचारियों के तबादलों पर लगी रोक को हटा दिया था। सरकार ने विधायकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की ओर से तबादलों पर छूट का दबाव डालने के कारण उस वक्त तबादले के आदेश जारी किए थे। वहीं राजस्थान में 15 जुलाई से प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू हो चुका हैं। अभियान के तहत पट्टे वितरित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पहली बार इस अभियान में पट्टा जारी करने के लिए पूर्व की दरों में लगभग 85 प्रतिशत छूट दी है। निकायों क्षेत्रों में आ रही चारागाह व सियावचक भूमि को निकायों को हस्तांरित करने के लिए जिला कलेक्टरों को भी अधिकृत किया जा चुका है ताकि उस पर बसी आबादी के पट्टे जारी हो सके। इस अभियान के तहत प्रशासन घर-घर जाकर मतदाता सूची के आधार पर पट्टा मिलने से वंचित परिवारों का सर्वेक्षण भी शुरू किया गया है इससे लोगों को पट्टा वितरित किया जा सकेगा। इस वजह के चलते ही इस अभियान से जुड़े कर्मियों के तबादलों पर रोक लगाई गई है।