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पारदर्शी सरकार में हो रहा पारदर्शी भ्रष्टाचार-राठौड़

locationजयपुरPublished: Feb 14, 2020 06:21:43 pm

Submitted by:

Ashwani Kumar

-राजस्थान पुस्तक मंडल ने खरीदा है करीब 30 हजार मीट्रिक टन पेपर

पारदर्शी सरकार में हो रहा पारदर्शी भ्रष्टाचार-राठौड़

पारदर्शी सरकार में हो रहा पारदर्शी भ्रष्टाचार-राठौड़


जयपुर. विधानसभा के शून्यकाल में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने स्कूलों में नि:शुल्क बंटने वाली पुस्तकों के लिए हुई पेपर खरीद में घोटाले आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पारदर्शी सरकार में पारदर्शी तरीके से भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने सदन को बताया कि हर वर्ष राज्य में 24 करोड़ पुस्तकें छपवाई जाती हैं। इसके लिए करीब 225 करोड़ रुपए बजट खर्च किया जाता है।
राठौड़ ने बताया कि 16 दिसम्बर 2019 को एक टेलर मेड टेंडर बनाकर निविदा आमंत्रित कर कार्यादेश दिया गया। इसमें शर्तों के साथ पंजाब की तीन फर्में (ट्राइडेंट मिल्स, श्रेयान्स और विकास) आईं।
उन्होंने कहा कि ट्राइडेंट पेपर्स लिमिटेड से राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल 59.98 रुपए में खरीदता है। यही फर्म बाजार में बाजार में 54.18 रुपए में यह पेपर देती है। पुस्तक मंडल ने करीब 30 हजार मीट्रिक टन पेपर खरीदा है।
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार के सामने समाचार पत्रों में यह बात लगातार प्रकाशित होती रही कि शर्तें लगाकर भ्रष्टाचार को पनाह देने का काम हो रहा है। पिछली सरकार में कोई बात हुई है तो जांच बैठाएं और अगर उन शर्तों को आज आप मान रहे हैं तो इस भ्रष्टाचार की गंगोत्री में पारदर्शिता के साथ आप गोते लगा रहे हैं।
हर जगह अलग-अलग रेट
राठौड़ ने सदन को बताया कि राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल को 67.98 रुपए प्रति किलो, राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी को 59.36 रुपए प्रति किलो, प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी विभाग को 49.68 रुपए प्रति किलो और एनसीईआरटी को 49 रुपए प्रति किलो के हिसाब से देती है।
राजस्थान पत्रिका ने किया था खुलासा
नौ फरवरी को पहले पेज पर शीर्षक ‘गरीब बच्चों की किताबों के कागज की खरीद में कालिखÓ प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया था कि कैसे इस साल महंगा कागज खरीदकर 59 करोड़ रुपए की चपत लगाई जा रही है।
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