राठौड़ ने सदन को बताया कि राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल को 67.98 रुपए प्रति किलो, राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी को 59.36 रुपए प्रति किलो, प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी विभाग को 49.68 रुपए प्रति किलो और एनसीईआरटी को 49 रुपए प्रति किलो के हिसाब से देती है।
नौ फरवरी को पहले पेज पर शीर्षक ‘गरीब बच्चों की किताबों के कागज की खरीद में कालिखÓ प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया था कि कैसे इस साल महंगा कागज खरीदकर 59 करोड़ रुपए की चपत लगाई जा रही है।