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मोटर व्हीकल एक्ट की खामियों के खिलाफ एकजुट हुए ट्रक आॅपरेटर्स

locationजयपुरPublished: Jul 16, 2020 11:39:20 am

Submitted by:

anand yadav

वहन आयुक्त को सौंपा ज्ञापनओवरलोड व्यावसायिक वाहनों की जुर्माना राशि तर्कसंगत बनाने की मांग

transport department of rajasthan

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जयपुर। प्रदेश में लागू हुए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में ओवरलोड भारी वाहनों की जुर्माना राशि तर्क संगत बनाने व अन्य नियमों में संशोधन कर स्थिति स्पष्ट करने की मांग प्रदेश के ट्रक आॅपरेटर्स यूनियनों ने की है। जयपुर ट्रक आॅपरेटर चैंबर और विश्वकर्मा क्षत्रिय ट्रांसपोर्ट व्यापार मंडल समिति पदाधिकारियों ने परिवहन आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर जुर्माना राशि को तर्क संगत बनाने और ओवरलोड वाहनों में प्रथम ज्यादा भार पर जुर्माना राशि कम करने की मांग की है।
जयपुर ट्रक टांसपोर्ट चैंबर प्रदेशाध्यक्ष गोपाल सिंह राठौड़ व विश्वकर्मा क्षत्रिय ट्रांसपोर्ट व्यापार मंडल समिति अध्यक्ष मालसिंह खंगारोत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वाहन ओवरलोड पाए जाने पर पहले प्रथम अधिक भार पर जुर्माना राशि कम थी। लेकिन संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में प्रथम अधिक भार पर ही जुर्माना राशि न्यूनतम बीस हजार रुपए तय की गई है। वहीं भारी वाहनों में उंचाई को लेकर भी भ्रम की स्थिति को परिवहन विभाग ने स्पष्ट नहीं किया है। भारी वाहनों में डीजल टैंक,तिरपाल,रस्से आदि अतिरिक्त संसाधन रखे होने पर वाहन के भार में अतिरिक्त बढ़ोतरी होना तय है। बावजूद इसके परिवहन विभाग इसकी अनदेखी कर जुर्माना राशि नए एक्ट के अनुसार वसूल रहा है। ऐसे में ट्रक ट्रांसपोर्टर्स के सामने वाहनों का संचालन करना टेढ़ी खीर साबित होने लगा है।
परिवहन विभाग के उड़नदस्ते वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप नहीं लगे होने अथवा तिरपाल से वाहन की नंबर प्लेट ढकी होने पर भी मौके पर ही जुर्माना राशि को लेकर चालान भरने की कार्रवाई कर रहे हैं। जबकि निजी बसों में धड़ल्ले से जीएसटी चोरी कर माल परिवहन होने की सूचना देने के बाद भी विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है। ओवरलोड भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में भी विभाग पक्षपात करता रहा है। परिवहन आयुक्त को संगठन की ओर से ज्ञापन देकर जुर्माना राशि तर्क संगत बनाए जाने व वाहनों की ओवरहाइट मामले में ठोस कार्रवाई करने की मांग की गई है।
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