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परिवहन निरीक्षकों ने रखा अवकाश, आरटीओ में काम ठप

locationजयपुरPublished: Sep 26, 2018 11:38:57 am

Submitted by:

Vijay Sharma

इधर रोड़वेजकर्मियों के साथ धरने पर आए परिवारजननौवे दिन भी जारी रही रोड़वेज की हड़ताल
 

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परिवहन निरीक्षकों ने रखा अवकाश, आरटीओ में काम ठप

जयपुर। रोड़वेज, जेसीटीएसएल की हड़ताल के बीच मंगलवार को परिवहन निरीक्षक सामूहिक अवकाश पर चले गए। हांलाकि शाम को परिवहन आयुक्त् से वार्ता के बाद वे काम पर लौट आए। लेकिन इस बीच पूरे दिन परिवहन निरीक्षक के अवकाश से राजधानी सहित प्रदेशभर में उड़नदस्ते तैनात नहीं रहे। इसका असर यह पड़ा कि निजी बस और लोकपरिवहन सेवा की बसों में यात्रियों की जेब लूटी गई। उड़नदस्तों की ओर से चैकिंग न होने और रोड़वेज की हड़ताल के कारण यात्रियों को फिर मनमाना किराया वसूला गया।
परिवहन विभाग ने उड़नदस्तों को निजी बसों की चैकिेंग करने के आदेश दे रखे है। इसको लेकर पिछले तीन दिनों से परिवहन विभाग के उड़नदस्ते निजी बसों की जांच कर अधिक किराया और ओवरलोड़ वाहनों पर कार्रवाई कर रहे थे। लेकिन मंगलवार को निरीक्षकों के अवकाश पर जाने पर ना जांच की गई, ना ही विभाग को कोई राजस्व मिल पाया।
वहीं राजधानी में आरटीओ के तीनों कार्यालय झालाना, जगतपुरा, विद्याधर नगर में कामकाज ठप हो गया। इससे लाइसेंस से लेकर फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, टैक्स संबंधित कई महत्वपूर्ण काम पूरी तरह से बंद रहे।

उधर निरीक्षकों की हड़ताल की वजह से मंगलवार को प्रदेश भर में 7 हजार लाइसेंस और 4 हजार वाहनों की फिटनेस नहीं हुई। इधर विभाग को उडनदस्तों से आने वाले करीब दो करोड़ राजस्व का नुकसान हुआ।
सुबह 10 बजे से ही अवकाश के दौरान निरीक्षकों ने परिवहन मुख्यालय पर संघ के अध्यक्ष अनूप चौधरी और महासचिव आदर्श सिंह राघव के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। शाम को परिवहन सचिव शैलेंद्र अग्रवाल के निर्देश पर अतिरिक्त परिवहन आयुक्त मनीषा अरोड़ा से वार्ता हुई। वार्ता में निरीक्षकों को चैकिंग के दौरान वाहन पर फ्लेशर बत्ती लगाने उपनिरीक्षक से निरीक्षक की डीपीसी जल्द कराने, 14 पदों में से डीटी के पद देने पर सहमति बनी। बाकी मांगों के लिए कमेटी करने का निर्णय लिया गया। सफल वार्ता के बाद संघ ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की।

महिलाएं—बच्चे बैठे धरने पर, किया संबोधित

सातवे वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चे की ओर से रोड़वेज की हड़ताल मंगलवार को नौवे दिन भी जारी रही। सिंधी कैंप पर चल रहे धरने में मंगलवार को रोडवेजकर्मियों के परिवारजनों ने भाग लिया।
इस दौरान करीब 250 परिवारों की महिलाएं और बच्चे शामिल हुए।

दोपहर 12 बजे महिलाएं बच्चों को लेकर सिंधी कैंप परिसर में आ गई। इस दौरान सभी धरने चार घंटे तक बैठी रही। महिलाओं ने धरने को संबोधित भी किया। इस मौके पर उन्होंने कर्मचरियों से कहा कि हमारी चिंता छोड़ दो। सभी मिलकर संघर्ष करो। महिलाओं से कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सभी परिवारजन सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने को तैयार है। इस दौरान महिलाओं ने मिलकर हड़ताल के लिए आर्थिक सहयोग के लिए 32 हजार रुपए एकत्रित की मोर्चे को सौंपे। वहीं दूसरी ओर नौवे दिन जारी रही हड़ताल में मंगलवार को महिला, मानव अधिकार,नागरिक मंच सहित विभिन्न् संगठनों ने पहुंचकर समर्थन दिया। भारतीय पंचायत पार्टी ने भी रोड़वेज हड़ताल का हल सरकार से निकालने की मांग की है। वहीं मंगलवार को एक दर्जन से अधिक कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर हड़ताल को लेकर वार्ता करने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध परिवहन फैडरेशन की ओर से चल रहे अनशन के 20 वे दिन अनशनकारी विनोद सिंह, सतीश चौधरी का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। बाद में दोनों अनशनकारियों को पुलिस ने जबरदस्ती एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया। इनके स्थान पर इस्लामुद्दीन और रामावतार शर्मा को अनशन पर बिठाया गया। आमरण अनशन का आज 13 वां एवम् क्रमिक अनशन को 20 वा दिन है। वहीं दूसरी ओर जेसीटीएसएल कर्मचारियों की हड़ताल नौवे दिन जारी रही। इस मौके पर करीब सांगानेर डिपो में कर्मचारियों ने मशाल जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया।
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