प्रसिद्ध गीतकार इरशाद कामिल और कवि नरेश सक्सेना की बातचीत से शुरू हुआ - डिअर साहित्यकार सम्मेलन
जयपुर। तन्हा तेरे बगैर , इश्क में तेरे, आज दिन चढ्या, जैसे बेहद चर्चित और सफल गानों के गीतकार- कवि गीतकार इरशाद कामिल और समुद्र पर हो रही है बारिश, चारुशीला, चंबल एक नदी का नाम ,अच्छे बच्चे ,नीम की पत्तियां, सीढियां जैसी कविताओं के रचयिता महान कवि नरेश सक्सेना की बातचीत -कौन कवि कौन गीतकार से शुरू हुआ। सम्मेलन के फाउंडर डायरेक्टर सुनील नारनोलिया व संयोजक डा राकेश कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया ।
जयपुर। तन्हा तेरे बगैर , इश्क में तेरे, आज दिन चढ्या, जैसे बेहद चर्चित और सफल गानों के गीतकार- कवि गीतकार इरशाद कामिल और समुद्र पर हो रही है बारिश, चारुशीला, चंबल एक नदी का नाम ,अच्छे बच्चे ,नीम की पत्तियां, सीढियां जैसी कविताओं के रचयिता महान कवि नरेश सक्सेना की बातचीत -कौन कवि कौन गीतकार से शुरू हुआ। सम्मेलन के फाउंडर डायरेक्टर सुनील नारनोलिया व संयोजक डा राकेश कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया ।
इस सत्र में इरशाद कामिल ने कविता लिखने , समझने और आत्मसात के साथ-साथ समाज के संप्रेषण पर नरेश सक्सेना से बातचीत की।
नरेश सक्सेना ने कहा कि कविता में समाज की चिंताओं का समावेश होना चाहिए कविता की अभिव्यक्ति में सरलता, संवेदना होनी चाहिए । कविता का अंतिम लक्ष्य संवेदना है । भाषा व्याकरण विचार कविता को सफल बनाते हैं।
गीतकार इरशाद कामिल ने कहा कि कवि और गीतकार को लिखते समय संवेदनाओं सामंजस्य रखना चाहिए। जब लेखक गीतकार या कोई अन्य व्यक्ति कलम उठा लेता है। वह यह जिम्मेदारी ले लेता है कि कोई भी विषय हो, समाज की जिम्मेदारी, समय का चिंतन और समकालीन बातों का विश्लेषण होना चाहिए । गीत और कविता संगीत के साथ-साथ व्यक्ति के मन को भी टटोलते हैं।
नरेश सक्सेना ने कहा कि कविता में समाज की चिंताओं का समावेश होना चाहिए कविता की अभिव्यक्ति में सरलता, संवेदना होनी चाहिए । कविता का अंतिम लक्ष्य संवेदना है । भाषा व्याकरण विचार कविता को सफल बनाते हैं।
गीतकार इरशाद कामिल ने कहा कि कवि और गीतकार को लिखते समय संवेदनाओं सामंजस्य रखना चाहिए। जब लेखक गीतकार या कोई अन्य व्यक्ति कलम उठा लेता है। वह यह जिम्मेदारी ले लेता है कि कोई भी विषय हो, समाज की जिम्मेदारी, समय का चिंतन और समकालीन बातों का विश्लेषण होना चाहिए । गीत और कविता संगीत के साथ-साथ व्यक्ति के मन को भी टटोलते हैं।