संस्थान के इस अभियान की जानकारी देते हुए अध्यक्ष श्री प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ‘‘ग्रामीण और शहरी भारत में लगभग 2.68 करोड़ दिव्यांगजन सरकारी और निजी संगठनों में अच्छे रोजगार के अवसरों तक पहुंच की कमी जैसे सामान्य मुद्दों का सामना कर रहे हैं। अच्छे स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, पार्किंग स्थलों और कभी-कभी शौचालय तक पहुंच की कमी के साथ दिव्यांगों को अनेक जबरदस्त चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। दिव्यांगों को आसानी से पहुंच प्रदान करने और उन्हें मुख्यधारा के समाज का हिस्सा बनने में सहायता करने के लिए, नारायण सेवा संस्थान कृत्रिम अंग, तिपहिया, व्हीलचेयर और बैसाखी वितरित करके इस उद्देश्य को हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है। हालांकि सरकार अपनी ओर से विभिन्न योजनाओं की पेशकश करती रही है, लेकिन दिव्यांग जनों की सहायता के लिए और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। एनएसएस द्वारा विभिन्न शहरों में आयोजित शिविरों में दिव्यांगजनों को अच्छी गुणवत्ता वाले अंग निशुल्क लगाए जा रहे हैं और इस तरह हम उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।’’