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कानून बनने के बाद राजस्थान में नहीं थम रहे ट्रिपल तलाक के मामले, तीन दिन में आया दूसरा मामला

locationजयपुरPublished: Sep 16, 2019 07:45:21 pm

जयपुर के भांकरोटा थाने में दर्ज हुआ मामला, शराब और दूसरी औरत के लिए पत्नी को दिया तीन तलाक, चार बच्चों और बीस साल की शादी को एक मिनट में तोड़ा, कह दिया तीन तलाक, पुलिस कर रही मामले की जांच

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जयपुर। ट्रिपल तलाक (tripal talaak) विधेयक पास होने के बावजूद राजस्थान में मुस्लिम तलाक के मामले बढ़ने लगे हैं। तीन दिन में राजस्थान में दूसरा ट्रिपल तलाक का मामला सामने आया है। जिसमें पति ने पत्नी तीन बार तलाक बोलकर 20 साल पुरानी शादी को तोड़ दिया। ताजा मामला जयपुर के भांकरोटा थाने में दर्ज हुआ है। इससे पहले अभी 14 सितंबर को अजमेर में ट्रिपल तलाक का मामला दर्ज हुआ था।
न आशिकी छोड़ी और न शराब, बीवी-बच्चों को छोड़ दिया, कह दिया तीन तलाक
जयपुर निवासी महिला ने भांकरोटा थाना क्षेत्र में तीन तलाक का मुकदमा दर्ज कराया है। गुलाबी नगर निवासी पत्नी ने आरोपी पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है, पीडि़त महिला ने बताया कि बीस साल पहले उसकी शादी करौली माछलपुर निवासी आरोपी के साथ हुई। करीब दो साल बाद काम के सिलसिले में जयपुर आकर रहने लगे। महिला का आरोप है कि जयपुर आकर पति प्रतिदिन नशा करके आने लगा। वहीं बहनों के उकसावे में आकर नशे में मारपीट करता। साथ ही घरवालों से पैसे लेकर आने का दबाव डालता। पीडि़ता बच्चों की वजह से चुपचाप सहन करती रही। इस बीच चार साल पहले पति काम का बहाना करके पीडि़ता को छोड़कर अपने गांव चला गया। पीडि़ता मजदूरी करके घर खर्च चला रही है। करीब 15 दिन पहले पति घर आया तो पीडि़ता ने बच्चों को लेकर साथ चलने की बात कही। पति ने गाली-गलौच करते हुए कहा कि मैंने दूसरी पत्नी रख ली है। पीडि़ता काफी गिड़गिड़ाई तो पति ने एक नहीं सुनी और भाई के सामने तीन बार तलाक बोलकर वापस चला गया।

जयपुर में दो, अजमेर में तीन मामले
कानून पास होने के बाद अकेले अजमेर में तीन तलाक के तीन मामले दर्ज हो चुके हैं। वहीं जयपुर शहर में भी तीन तलाक के दो मामले दर्ज हुए हैं। जयपुर में इससे पहले 16 मई को ब्रह्मपुरी थाने में तीन तलाक का मामला दर्ज किया गया था।

तीन साल की सजा का प्रावधान
एडवोकेट मोहित तिवारी ने बताया कि इसमें तीन साल की सजा का प्रावधान है। यदि महिला थाने में शिकायत करती है तो पुलिस संज्ञान लेकर बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है। साथ ही आरोपी की जमानत तभी होगी, जब पीडि़त महिला का पक्ष सुना जाएगा। पीडि़ता चाहे तो समझौता कर सकती है और गुजारा भत्ता के लिए आवेदन कर सकती है।
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