Congress crisis : लोकसभा चुनावों में भाजपा को मिले प्रचंड जनादेश और कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान में सियासी हलचल के बीच कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) के साथ चल रही कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
जयपुर। Congress Crisis : लोकसभा चुनावों में भाजपा को मिले प्रचंड जनादेश और कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान में सियासी हलचल के बीच कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) के साथ चल रही कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
दोनों सहयोगी दलों के बीच दरार पड़ने की खबरों के बीच अपने किले को बचाने के लिए दिल्ली से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलामनबी आजाद और राज्य के प्रभारी के.सी. वेणुगोपाल को बेंगलूरु भेजा गया है।
सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक दोनों नेता बेंगलूरु में रहेंगे और सरकार को स्थिर रखने का उपाय तलाशेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवगौडा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से चर्चा कर दो वरिष्ठ नेताओं को बेंगलूरु भेजने के लिए कहा था।
सरकार बचाने को आजाद और वेणुगोपाल को भेजा लोकसभा चुनाव में सत्तारुढ़ गठबंधन को मिली हार के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा ने सरकार को अस्थिर करने की रणनीति बनाई है। BJP के सरकार गिराने के प्रयास को विफल करने के लिए मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारवामी और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरामय्या ने मंत्रिमंडल का विस्तार करने की योजना बनाई है।
हालांकि मंत्री पद के दावेदार अधिक होने से कांग्रेस और जद-एस को नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ असंतुष्ट विधायकों से सरकार को होने वाला खतरा है तो दूसरी तरफ मंत्री पद के दावेदारों के दबाव को कम करना है। इन्हीं मुद्दों का निराकरण करने करने वेणुोगपाल और आजाद बेंगलूरु पहुंचे हैं।
येद्दियुरप्पा की फिर से चुनाव कराए जाने की मांग इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दियुरप्पा ने राज्य में राहुल गांधी से चर्चा कर फिर से चुनाव कराए जाने की मांग की है। भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष येद्दियुरप्पा ने मंगलवार को कहा कि बेहतर होगा कि राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन विधानसभा को भंग कर दे और नए सिरे से चुनाव हों।
येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से 25 पर हमने जीत हासिल की है और 224 विधानसभाओं में से 177 में हम नंबर एक पर हैं। ऐसे में विधानसभा भंग कर नए सिरे से चुनाव कराए जाएं। हम इसका स्वागत करेंगे।
सरकार बनाने में गहलाेत की रही थी अहम भूमिका कर्नाटक में कांगेस विधानसभा चुनावाें के बाद एक्जिट पाेल आते ही पूरी तरह सक्रीय हाे गर्इ थी। राहुल गांधी ने अशाेक गहलोत आैर गुलाम नबी आजाद जैसे अपने सबसे वरिष्ठ नेताओं को तुरंत इस काम पर लगा दिए था। इसी का परिणाम रहा कि भाजपा ने जैसा मणिपुर और गोवा में किया, कांग्रेस ने यहां नहीं करने दिया।
अशोक गहलोत कांग्रेस की इस रणनीति के अहम रणनीतिकारों में से एक थे। राजस्थान के वर्तमान सीएम आैर तत्कालीन कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने निर्दलीय और केपीजेपी विधायक को गठबंधन के साथ लाने, विधायकों को भाजपा के प्रलोभन से बचाने की रणनीति बनाई। इसी किलेबंदी से कर्नाटक में भाजपा का ऑपरेशन कमल फेल हाे गया। इसके अलावा कर्नाटक में कांग्रेस के चुनाव कैंपेन में भी गहलाेत की अहम भूमिका रही थी।