मामले को गंभीरता से लेते हुए जयपुर ग्रामीण एसपी अजयपाल लांबा ने थाना प्रभारी को दिशा निर्देश दिए और पुलिस की टीमें गठित की गई। पुलिस ने मौके से डॉग स्क्वॉयड़ व मोबाइल फॉरेंसिक लैब द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों का अध्ययन करते हुए क्षेत्र के मोबाइल टॉवरों से सीडीआर प्राप्त कर विश्लेषण किया। कॉल डिटेल के आधार पर सबूत एकत्र कर आरोपितों की पहचान की। जिस पर पुलिस ने आरोपित छापराड़ी थाना आमेर निवासी ललित किशोर मीणा पुत्र रामकिशन व चन्द्र प्रकाश उर्फ चंदू मीणा पुत्र कालूराम मीना को छापराड़ी से गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वे एटीएम लूट कर बाहर भागने की फिराक में थे। गिरोह का मुख्य सरगना खेमा उर्फ खेमचंद बुनकर व राजेश बुनकर घटना के दिन से ही फरार हैं जो कि अन्य मामलों में भी वांछित हैं। मुख्य सरगना खेम चंद उर्फ खेमा जाली नोट प्रकरण में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस फरार आरोपितो की तलाश में जुट गई है।
पुलिस ने बताया कि आरोपितों से अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है। गौरतलब है कि 16 सितंबर को रात्री करीब दो बजे लूटेरे अचरोल स्थित एटीएम को तोडक़र लूटने के प्रयास में थे उन्होने मॉनीटर व केबिन को क्षतिग्रस्त भी कर दिया था, लेकिन उसी दौरान थाना प्रभारी राजवीर सिंह गश्त में आ गए और एटीएम के बाहर मोटरसाइकिल देखकर रूके तो चोर भाग निकले थे।