चीनी सेना कर रही गश्त
रावत की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोंग लांग इलाके में चीनी सैनिकों की तैनाती व गश्त संप्रभुता के अधिकार के तहत है और यह ऐतिहासिक संकल्प की व्यवस्था व क्षेत्रीय संप्रभुता बनाए रखने के अनुरूप है।
रावत की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोंग लांग इलाके में चीनी सैनिकों की तैनाती व गश्त संप्रभुता के अधिकार के तहत है और यह ऐतिहासिक संकल्प की व्यवस्था व क्षेत्रीय संप्रभुता बनाए रखने के अनुरूप है।
चीन बोला- डोकलाम हमारा
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि हमारी बॉर्डर टूप्स न सिर्फ डोकलाम इलाके में मुस्तैद है, बल्कि वहां पेट्रोलिंग भी कर रही है। वह इलाका पूरी तरह से चीन के संप्रुभ हिस्सा है। इस बारे में कोई विवाद नहीं है। हालांकि कांग ने भारतीय सेना प्रमुख के बयान पर सीधे तौर पर नहीं कहा कि डोकलाम से सेना वापस बुलाई गई है या नहीं।
सेना प्रमुख ने कहा था…
बता दें कि भारतीय सेना प्रमुख विपिन रावत ने सोमवार को कहा था कि डोकलाम में चीनी सैनिकों की संख्या में काफी कमी आई है। जिसके बाद चीन ने ये टिप्पणी की है।
क्या है डोकलाम विवाद
बता दें कि 16 जून 2017 को सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में गतिरोध शुरु हुआ था। इसी वजह से भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने रही हैं। इस दौरान दोनों देश की सेनाएं 100 मीटर तक आमने सामने आ गई थीं। 73 दिन तक गतिरोध के बाद 28 अगस्त 2017 को दोनों तरफ की सेनाओं के पीछे हटीं.इसके बाद यह संकट सुलझ पाया था।
कब शुरू हुआ विवाद
डोकलाम विवाद की शुरुआत 16 जून 2017 को हुआ था। जब चीनी सेना को भारतीय सैनिकों ने सड़क बनाने से रोका था। चीन जिस क्षेत्र में सड़क बना रहा था उसका नाम डोका ला है। जबकि भारत और भूटान इसके डोकलाम कहते हैं। चीन इसे अपना हिस्सा बताता है जबकि भूटान इसपर अपनी दावेदारी करता है। भारत इस मामले में भूटान के साथ देता है क्योंकि डोकलाम में चीन का प्रवेश भारत के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है।