तस्करी के लिए बस से करते थे यात्रा-
एडिशनल डीसीपी (उत्तर) धर्मेन्द्र सागर ने बताया कि गिरोह के सदस्य अवैध मादक पदार्थ नेपाल से अन्य राज्यों के रास्ते से होते हुए परिवहन कर दिल्ली लाते है। जिसके बाद लोक परिवहन की और प्राइवेट लग्जरी बसों के जरिए अवैध मादक पदार्थ की सप्लाई की जाती है और मोटा मुनाफा कमाया जाता हैं। जयपुर में सिंधी कैंप बस स्टैंड के आसपास गिरोह ग्राहकों को अवैध मादक पदार्थ बेचकर वापिस दिल्ली चला जाता है। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वह लोक परिवहन और प्राइवेट बसों में अवैध मादक पदार्थ के परिवहन को इसलिए चुनती हैताकि चौकिंग के दौरान वह पकड़ में ना आ पाए। पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वह चरस कहां से लाती थी और इसके पीछे कौन लोग है जो उनका साथ देते हैं।
एडिशनल डीसीपी (उत्तर) धर्मेन्द्र सागर ने बताया कि गिरोह के सदस्य अवैध मादक पदार्थ नेपाल से अन्य राज्यों के रास्ते से होते हुए परिवहन कर दिल्ली लाते है। जिसके बाद लोक परिवहन की और प्राइवेट लग्जरी बसों के जरिए अवैध मादक पदार्थ की सप्लाई की जाती है और मोटा मुनाफा कमाया जाता हैं। जयपुर में सिंधी कैंप बस स्टैंड के आसपास गिरोह ग्राहकों को अवैध मादक पदार्थ बेचकर वापिस दिल्ली चला जाता है। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वह लोक परिवहन और प्राइवेट बसों में अवैध मादक पदार्थ के परिवहन को इसलिए चुनती हैताकि चौकिंग के दौरान वह पकड़ में ना आ पाए। पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वह चरस कहां से लाती थी और इसके पीछे कौन लोग है जो उनका साथ देते हैं।