-उदयपुर के एम स्क्वॉयर फाउंडेशन ने किया संकल्प -हर्बल अगरबत्ती बनाने का किया जाएगा कार्य
उदयपुर। राजस्थान में उदयपुर के एम. स्क्वॉयर फाउंडेशन ने भगवान के चढऩे के बाद ( Offered to God ) व्यर्थ ( Waste ) जा रही फू ल मालाओं ( Flower Garlands ) से अगरबत्ती ( Incense Sticks ) जैसा उत्पाद बनाने का बीड़ा उठाते हुए सैकड़ों महिलाओं को रोजगार देने की निश्चय किया है। ( Jaipur News ) फाउंडेशन के संस्थापक मुकेश माधवानी ने बताया कि एम. स्क्वायर फाउंडेशन की पहल हमेशा से लोगों को हुनरमंद बना कर रोजगार देने की रही है। इसी के तहत मंदिरों में चढ़ी हुई फूल मालाओं और अर्पित फूलों से भी अगरबत्ती बनवाने का कार्य प्रस्तावित है। जिसके तहत इन फूलों का पाउडर बनाकर हर्बल अगरबत्ती बनाने का कार्य किया जाएगा।
उदयपुर। राजस्थान में उदयपुर के एम. स्क्वॉयर फाउंडेशन ने भगवान के चढऩे के बाद ( Offered to God ) व्यर्थ ( Waste ) जा रही फू ल मालाओं ( Flower Garlands ) से अगरबत्ती ( Incense Sticks ) जैसा उत्पाद बनाने का बीड़ा उठाते हुए सैकड़ों महिलाओं को रोजगार देने की निश्चय किया है। ( Jaipur News ) फाउंडेशन के संस्थापक मुकेश माधवानी ने बताया कि एम. स्क्वायर फाउंडेशन की पहल हमेशा से लोगों को हुनरमंद बना कर रोजगार देने की रही है। इसी के तहत मंदिरों में चढ़ी हुई फूल मालाओं और अर्पित फूलों से भी अगरबत्ती बनवाने का कार्य प्रस्तावित है। जिसके तहत इन फूलों का पाउडर बनाकर हर्बल अगरबत्ती बनाने का कार्य किया जाएगा।
-गरीब महिलाओं को जोड़ा जाएगा माधवानी ने बताया कि पहल के तहत गरीब महिलाओं को जोड़ा जाएगा एवं उनसे विभिन्न मंदिरों में चढऩे वाले फूलों को एकत्रित करवाने का कार्य करवा उसका पाउडर बनाकर अगरबत्ती बनाने का कार्य सिखाया एवं करवाया जाएगा, ताकि महिलाओं को नए स्किल से रूबरू होते हुए रोजगार प्राप्त कर सकें।
-होने वाली आय बंटेगी गरीब महिलाओं में इस कार्य से होने वाली आय उन गरीब महिलाओं में बांटी जाएगी और उसका कुछ हिस्सा अन्य सामाजिक कार्यों में भी खर्च किया जाएगा। इस योजना का मकसद जहां एक ओर भगवान को अर्पित फूल या फूलमालाओं का उपयोग कर अगरबत्ती बनाना है, साथ ही गरीब महिलाओं को यह काम सिखाकर उन्हें रोजगार प्रदान करना है।
-बीइंग मानव के तहत अनुकरणीय पहल गौरतलब है कि फाउण्डेशन की ही एक अन्य संस्था बीइंग मानव पहल के तहत लोगों के घरों पर पड़ी हुई अनुपयोगी वस्तुएं जिनका उपयोग घर वाले नहीं कर रहे हैं, ऐसी वस्तुओं को बीइंग मानव की टीम मिलकर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम पिछले दो साल से कर रही है। जिसके तहत अब तक करीब एक लाख से ज्यादा पुराने व नए कपड़ों व करीब 10 हजार से ज्यादा पुरानी वस्तुओं यथा स्टेशनरी, खिलौने, छतरी, बैग आदि को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचा कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया गया है।