प्रार्थी के एडवोकेट दीपक चौहान ने बताया कि मुंशी विक्रम सिंह के पास उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद एक पोस्ट व्हाट्सएप्प पर आई थी। इसके बाद वह उस पोस्ट को डिलीट करना चाह रहा था, लेकिन उसी दौरान पोस्ट गलती से राजस्थान हाईकोर्ट के मुंशियों के ग्रुप में शेयर हो गई। जब विक्रम को इस बात की जानकारी हुई तो उसने करीब छह मिनट बाद ही उस पोस्ट को डिलीट करते हुए सभी से माफी मांग ली। साथ ही बताया कि पोस्ट गलती से फॉरवर्ड हो गई थी। इधर, इस मामले में हाईकोर्ट के ही एक अन्य मुंशी नदीम कदीर ने मानसरोवर थाने में धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया।
घर पर पहुंच गए कुछ लोग इसके बाद विक्रम सिंह के घर कुछ बदमाश रैकी करते हुए पहुंचे और वहां मौजूद मां से उसके बारे में पूछा। साथ ही उसके लिए गलत शब्दों का प्रयोग भी किया। इसके बाद पीड़ित ने इस संबंध में थाने में शिकायत दी। जिस पर थाने में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पीड़ित ने हाईकोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाई। जिस पर अदालत ने आदेश जारी किया है।