लंबे समय से पट्टे का इंतजार कर रहे हैं लोगों को अभी और इंतजार करना होगा। राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी बनाम राजस्थान सरकार प्रकरण में अभी तक सरकार को कई मामलों में स्थगन आदेश नहीं मिल पाया है। ऐसे में स्थगन आदेश मिलने के बाद ही यूडीएच नियमन कैम्प लगाएगा। उधर पृथ्वीराज नगर की नियमन दरों को लेकर भी यूडीएच ने साफ कर दिया है कि नियमन दरों को नहीं घटाया जाएगा।
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने मंगलवार को पीसीसी में जनसुनवाई की। इस दौरान अब तक के सर्वाधिक 185 प्रकरण आए। यूडीएच, पुलिस, श्रम, खनन समेत अन्य महकमों से संबंधित परिवाद धारीवाल को मिले। इसमें कुछ का निस्तारण मौके पर ही किया गया। जनसुनवाई के बाद धारीवाल ने प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर कहा कि अभी राज्य सरकार की ओर से प्रशासन शहरों के संग अभियान को शुरू करने का कोई इरादा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल यथास्थिति का आदेश मिला है। सरकार प्रयास कर रही है कि मामले में स्थगन आदेश लिया जाए। इसके बाद ही कॉलोनियों के नियमन का काम शुरू किया जाएगा
नहीं घटेंगी नियमन दरें
पृथ्वीराज नगर की नियमन दरें बढ़ाने के संबंध में भी जनसुनवाई के दौरान पृथ्वीराज नगर संघर्ष समिति के लोग पहुंचे। इस संबंध में मंत्री ने साफ किया कि नियमन शुल्क लेकर ही जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से पृथ्वीराज नगर क्षेत्र का विकास कराया जाएगा। वहां आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
पृथ्वीराज नगर की नियमन दरें बढ़ाने के संबंध में भी जनसुनवाई के दौरान पृथ्वीराज नगर संघर्ष समिति के लोग पहुंचे। इस संबंध में मंत्री ने साफ किया कि नियमन शुल्क लेकर ही जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से पृथ्वीराज नगर क्षेत्र का विकास कराया जाएगा। वहां आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
चलाकर नहीं बांटे पट्टे
धारीवाल ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर तैयार पट्टों का वितरण नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार के समय प्रशाासन शहरों के संग अभियान के तहत एक लाख से ज्यादा पट्टे बकाया रह गए थे, लेकिन पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने जानबूझकर पट्टे नहीं बांटे।
धारीवाल ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर तैयार पट्टों का वितरण नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार के समय प्रशाासन शहरों के संग अभियान के तहत एक लाख से ज्यादा पट्टे बकाया रह गए थे, लेकिन पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने जानबूझकर पट्टे नहीं बांटे।